पटना: बिहार में शराबबंदी (Liquor Prohibition Law in Bihar) को सख्ती से लागू कराने के लिए बिहार सरकार ने फैसला लिया है कि हेलीकॉप्टर से शराब तस्करों पर निगरानी (Helicopter Surveillance On Liquor Smugglers) रखी जाएगी। इसको लेकर पटना में हेलीकॉप्टर भी आ चुका है। इस निर्णय को लेकर अब विपक्ष ने सरकार पर तंज कसा है। आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि यह हास्यास्पद बात है कि किस तरह से सरकार नशे में चूर है और शराबबंदी को लेकर उल्टा-पुल्टा काम किया जा रहा है। कभी शराब खोजने महिलाओं के कमरे में पुरुष पुलिसकर्मी घुस जाते हैं तो कभी शिक्षक को फरमान जारी कर शराब खोजने का आदेश दिया जा रहा है।

आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि बिहार में शिक्षा और स्वास्थ्य की क्या हालत है, सबको पता है लेकिन इसके बावजूद सरकार को कोई मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के नक्सली क्षेत्र में जब सेना के जवान शहीद होते हैं, उस समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Bihar CM Nitish Kumar) हेलीकॉप्टर नहीं मंगाते हैं। जब राजधानी पटना पानी में डूब जाता है, उसमें बिहार सरकार को हेलीकॉप्टर मंगाने की याद नहीं आती है। आज पता नहीं क्या हो गया है कि फिजूलखर्ची पर उतर आई है। शराबबंदी को रोकने के लिए हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि एक तरफ सत्ता के संरक्षण में सरकार शराब बिकवा रही है तो दूसरी तरफ दिखावा करने के लिए कई तरह के उपाय किए जा रहे हैं, यह पूरी तरह से फिजूलखर्ची है।

वहीं, लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रवक्ता चंदन सिंह ने कहा कि बहुत शर्म की बात है कि अपराध रोकने के लिए बिहार सरकार कुछ से कुछ करती है। बिहार में नक्सली द्वारा सेना के जवान मारे जाते हैं तब तो हेलीकाप्टर नहीं मंगाया जाता है लेकिन शराबबंदी को रोकने के लिए हेलीकॉप्टर मंगाया गया है, यह फिजूलखर्ची है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चाहिए कि नक्सली क्षेत्र, जहां पर हेलीकॉप्टर की जरूरत सेना के जवानों को है, वहां पर हेलीकॉप्टर उपलब्ध कराया जाए। ऐसी फिजूलखर्ची को हमलोग कभी भी समर्थन नहीं कर सकते हैं। जनता सब देख रही है और समय आने पर जवाब भी देगी।
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