बिहार में बड़ी संख्या में राशन कार्ड रद्द किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद सुरक्षा कानून के निर्धारित मापदंड को पूरा नहीं करने वाले बिहार के 28 लाख 79 हजार 116 राशन कार्ड को रद्द किया गया है। राज्य के सभी 38 जिलों में बड़े स्तर पर राशन कार्ड के सत्यापन के बाद रद्द किया जा रहा है। बता दें कि प्रदेश में फिलहाल राशनकार्ड धारियों की संख्या 1 करोड़ 81 लाख है।
सभी जिले के डीएम को खाद आपूर्ति विभाग के सचिव द्वारा निर्देश दिया गया है कि राष्ट्रीय खाद सुरक्षा अधिनियम के रेंज में पाए जाने वाले राशनकार्ड धारियों का अभियान चलाकर 31 मई तक राशन कार्ड रद्द किया जाए। राशन कार्ड बनने का सबसे ज्यादा प्रभाव ऐसे परिवारों पर पड़ेगा जो मामूली गलतियों की वजह से सरकारी राशन से छूट जाएंगे। सरकारी दफ्तर में संविदा के आधार पर काम करने वाले कर्मियों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हुआ ऐसा व्यक्ति जिसका मासिक आय 10,000 से ज्यादा है उसका भी राशन कार्ड रद्द होगा। विभाग के मुताबिक टैक्स भरने वाले, सरकारी नौकरी, चार पहिया वाहन, ढाई एकड़ जमीन, कमर्शियल टैक्स व अन्य संसाधनों से परिपूर्ण लोगों का राशन कार्ड रद्द किया जाना है। राशन कार्ड रद्द होने की खबर से अपात्र राशन कार्ड धारियों में हड़कंप मचा हुआ है।
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बिहार में सबसे ज्यादा समस्तीपुर जिले में 2 लाख 46 हजार 935 राशन कार्ड रद्द हुए हैं। अररिया में 66000, अरवल में 13783, औरंगाबाद में 88027, बांका 19320, बेगूसराय 1,36,167, भागलपुर 86,604 भोजपुर 63,268 बक्सर 51,561 दरभंगा 1,08,983 गया 40,434 गोपालगंज 75,765 जमुई 25,991 जहानाबाद 45,505 कैमूर 15,134 कटिहार 98,531 खगड़िया 42,340, किशनगंज 37,592, लखीसराय 24,160, मधेपुरा 31,906, मधुबनी 75,266, मुंगेर 31,492, मुजफ्फरपुर 1,99,349, नालंदा 72,240, नवादा 70,531, पं चंपारण 1,55,889, पटना 31,490, पूर्वी चंपारण 2,36,335, पूर्णिया 28,773, रोहतास 27,157, सहरसा 59,432, सीवान 1,11,731, सुपौल 56,501 व वैशाली 1,49,731 में राशन कार्ड रद्द किया गया है।