पर्यावरणविद तथा मगध यूनिवर्सिटी के रिसर्च स्कॉलर मो. दानिश मसरुर ने बताया कि तितलियां हमारे पर्यावरण के लिए काफी फायदेमंद है और इससे हमारा पर्यावरण संतुलित रहता है। बोधगया तितली पार्क में लगभग 80 प्रजाति के तितलियां पाई जाती है तथा उनका प्रजनन भी कराया जा रहा है। तितलियों का संरक्षण सरकार का एक बेहतरीन कदम है।
बिहार के बोधगया स्थित जयप्रकाश उद्यान में बिहार का एकमात्र तितली पार्क है। जहां रंग-बिरंगी तितलियां अठखेलियां करते दिख जायेंगे। यहां 80 से अधिक तितलियों की प्रजाति अबतक देखा जा चुका है।
बिहार सरकार के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अंतर्गत बटरफ्लाई पार्क में तितलियों को पालने के लिए रेयरिंग लैब भी बनाया गया है।
ताकि तितलियों की संख्या को बढ़ाया जा सके और पर्यावरण संतुलित रहे। यह भारत का पहला ऐसा पार्क है जहां तितलियों का संरक्षण के साथ प्रजनन तक कराया जाता है।
बटरफ्लाई पार्क में विलुप्त तितलियों को किया गया संरक्षित
बटरफ्लाई पार्क में आपको कई ऐसी तितलियां देखने को मिलेंगी, जो लगभग विलुप्त हो चुकी हैं। यहां की प्रमुख तितलियां स्पॉटेड पैरट, काॅमन क्रो, प्लेन टाइगर, लाइन ब्लू, डिंगी स्विफ्ट, बलका पेरट, कॉमन कैस्टर, कॉमन ग्लास यलो, कॉमन जे, डेनेड एगफ्लाई और लैमन मिगरेंट हैं।
इन सभी तितलियों की प्रजातियां यहां संरक्षित की जा रही है। यहां आने वाले पर्यटक न सिर्फ तितलियों का दीदार कर रहे हैं, बल्कि उनके जीवन चक्र के बारे में भी जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
इसके लिए विभाग के द्वारा यहां पर दो कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है जो सैलानियों को तितलियों के बारे में बताते हैं।
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तितलियों के 80 से अधिक प्रजाति किया गया संरक्षित
विभाग के द्वारा इस पार्क में लोगों के लिए कई सुविधाएं दी जा रही हैं। पार्क के अंदर सबसे ज्यादा आकर्षण का केन्द्र तितली पार्क हैं जहां 80 से अधिक प्रजाती के तितलियां अठखेलियां करते देखी जा सकती है।
इसके अलावा फव्वारे और लोगों की सुविधा का ध्यान रखते हुए जगह-जगह बेंच लगाए गए हैं। बोधगया घूमने आने वाले सैलानी जब थक जाते हैं तो इस पार्क में जाकर कुछ समय व्यतीत करते हैं और तितली पार्क में सेल्फी का आनंद उठाते हैं।
तितली पार्क को एक साल पूर्व भी किया गया स्थापित
एक साल पूर्व बने इस पार्क के शुरुआती दौर में सिर्फ 10-12 प्रजाति के तितलियां देखी जाती थी। लेकिन विभाग के द्वारा यहां विभिन्न तरह के पेड़ लगाए गए हैं।
जिसके बाद यहां पर तितलियों की संख्या बढ़ती गई और अब इसकी प्रजाति 80 तक पहुंच गई है। तितली पार्क में तीन प्रमुख कार्य हो रहें हैं।
पहला तितलियों का संरक्षण करना, दूसरा उन पर रिसर्च करना और तीसरा इन्हें बंद रख प्रजनन करना। प्रजनन के चलते ही तितलियों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है।