हर घर नल जल योजना के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए राज्य सरकार अभियान चला रही है। इसके लिए वार्ड स्तर पर युवाओं की निगरानी समिति बनाई जा रही है। इसमें जागरूक युवक-युवतियों को शामिल किया जा रहा है।
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में इस अभियान को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वार्ड स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य अपने क्षेत्र में भ्रमण कर देखेंगे कि किस घर में पानी की बर्बादी हो रही है।
लगातार कम हो रहा पीने योग्य पानी का भंडार
पानी बर्बाद करने वाले गृह स्वामियों की पहचान कर उनकी काउंसिलिंग होगी। उन्हें बताया जाएगा कि अगर सावधानी से पानी का उपयोग नहीं किया गया तो भविष्य में किस तरह के संकट का सामना करना पड़ेगा।
अंधाधुंध उपयोग के कारण पीने योग्य पानी का भंडार लगातार कम हो रहा है। बर्बादी नहीं रुकी तो आने वाली पीढिय़ां गंभीर पेयजल संकट भुगतेंगी।
पानी की बर्बादी रोकने के लिए सदस्यों को टास्क दिया जाएगा। अगली बैठक में पूछा जाएगा कि महीने भर में उन्होंने पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या किया।
पहले गुरुवार को जल चौपाल
नल जल प्रबंधन के लिए महीने के पहले गुरुवार को जल चौपाल का आयोजन शुरू हो गया है। वार्ड स्तर पर आयोजित चौपाल में चर्चा का विषय यह रहता है कि कितने घरों में इस योजना के तहत जलापूर्ति शुरू हो चुकी है।
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जलापूर्ति से वंचित परिवारों की संख्या कितनी है। उन परिवारों की सूची भी बन रही है, जिन्होंने इस योजना से जुडऩे के प्रति अनिच्छा जताई है। सूची में निजी बोरिंग का उपयोग करने वाले परिवारों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं।
किफायत की सलाह
योजना के तहत परिवार के हरेक सदस्य को प्रतिदिन 70 लीटर पानी देने का प्रविधान है। लेकिन, जल चौपाल में यह भी चर्चा होगी कि पानी का किफायती उपयोग कैसे किया जाए।
चौपाल में शामिल लोग बताएंगे कि वे प्रतिदिन किस प्रयोजन से कितने लीटर पानी का उपयोग करते हैं। इस आधार पर आकलन किया जाएगा कि किफायत कैसे बरती जा सकती है।