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बिहार में हर व्यक्ति को रोज मिलेगा केवल 70 लीटर पानी, पीने के पानी की बर्बादी रोकने पर जोर

हर घर नल जल योजना के पानी की बर्बादी को रोकने के लिए राज्य सरकार अभियान चला रही है। इसके लिए वार्ड स्तर पर युवाओं की निगरानी समिति बनाई जा रही है। इसमें जागरूक युवक-युवतियों को शामिल किया जा रहा है।

लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष में इस अभियान को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। वार्ड स्तरीय निगरानी समिति के सदस्य अपने क्षेत्र में भ्रमण कर देखेंगे कि किस घर में पानी की बर्बादी हो रही है।

लगातार कम हो रहा पीने योग्य पानी का भंडार

पानी बर्बाद करने वाले गृह स्वामियों की पहचान कर उनकी काउंसिलिंग होगी। उन्हें बताया जाएगा कि अगर सावधानी से पानी का उपयोग नहीं किया गया तो भविष्य में किस तरह के संकट का सामना करना पड़ेगा।

Potable water stock depleting continuously
लगातार कम हो रहा पीने योग्य पानी का भंडार

अंधाधुंध उपयोग के कारण पीने योग्य पानी का भंडार लगातार कम हो रहा है। बर्बादी नहीं रुकी तो आने वाली पीढिय़ां गंभीर पेयजल संकट भुगतेंगी।

पानी की बर्बादी रोकने के लिए सदस्यों को टास्क दिया जाएगा। अगली बैठक में पूछा जाएगा कि महीने भर में उन्होंने पानी के दुरुपयोग को रोकने के लिए क्या किया।

पहले गुरुवार को जल चौपाल

नल जल प्रबंधन के लिए महीने के पहले गुरुवार को जल चौपाल का आयोजन शुरू हो गया है। वार्ड स्तर पर आयोजित चौपाल में चर्चा का विषय यह रहता है कि कितने घरों में इस योजना के तहत जलापूर्ति शुरू हो चुकी है।

Jal Chaupal organized on the first Thursday of the month
महीने के पहले गुरुवार को जल चौपाल का आयोजन

जलापूर्ति से वंचित परिवारों की संख्या कितनी है। उन परिवारों की सूची भी बन रही है, जिन्होंने इस योजना से जुडऩे के प्रति अनिच्छा जताई है। सूची में निजी बोरिंग का उपयोग करने वाले परिवारों के नाम दर्ज किए जा रहे हैं।

किफायत की सलाह

योजना के तहत परिवार के हरेक सदस्य को प्रतिदिन 70 लीटर पानी देने का प्रविधान है। लेकिन, जल चौपाल में यह भी चर्चा होगी कि पानी का किफायती उपयोग कैसे किया जाए।

Provision to give 70 liters of water per day to each member of the family
परिवार के हरेक सदस्य को प्रतिदिन 70 लीटर पानी देने का प्रविधान

चौपाल में शामिल लोग बताएंगे कि वे प्रतिदिन किस प्रयोजन से कितने लीटर पानी का उपयोग करते हैं। इस आधार पर आकलन किया जाएगा कि किफायत कैसे बरती जा सकती है।

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