पटना, राज्य ब्यूरो। Bihar Farmer’s News: बिहार के सब्जी उत्पादकों के लिए यह अच्छी खबर है। राज्य सरकार द्वारा प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों से संबद्ध किसानों को सहकारी बैंक के माध्यम से ऋण सुविधा मुहैया करायी जाएगी। इसके लिए सहकारिता विभाग की ओर से डेढ़ लाख सब्जी उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) दिया जाएगा। इससे सब्जी किसानों की पूंजी की समस्या दूर होगी। इस काम में राज्य के सहकारी बैंक मदद करेंगे। विभाग के एक उच्च पदस्थ अधिकारी ने बताया कि राज्य के सब्जी उत्पादकों को ऋण सुविधा देकर प्रोत्साहन एवं बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। पहले चरण में 25 हजार सब्जी उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड देने की प्रक्रिया चल रही है।
पहले चरण में इन 20 जिलों को किया गया है शामिल
पहले चरण में राज्य के 20 जिलों को शामिल किया गया। भोजपुर, बक्सर, छपरा, गोपालगंज एवं सिवान, पटना, नालंदा, वैशाली, समस्तीपुर, बेगूसराय, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, मधेपुरा, सुपौल जिले में गठित प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों से जुड़े 25 हजार किसानों को केसीसी मुहैया कराया जा रहा है।
दूसरे चरण में 50 हजार सब्जी उत्पादक होंगे लाभान्वित
सरकार ने दूसरे चरण में 50 हजार सब्जी उत्पादकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ देने का लक्ष्य तय किया है। शर्त यह है कि सब्जी उत्पादकों को प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों से जुडऩा होगा। राज्य में केसीसी देने की व्यवस्था केवल अनाज उत्पादकों के लिए थी। बाद में सरकार ने इस योजना से पशुपालकों को जोड़ा है। अब नई व्यवस्था में राज्य के सब्जी उत्पादक किसान भी जुड़ गये हैं।
तीसरे चरण में 75 हजार सब्जी उत्पादक को मिलेगा लाभ
सरकार अगले वित्तीय वर्ष में तीसरे चरण के तहत 75 हजार को किसान क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इसके साथ यह शर्त भी होगी कि सब्जी उत्पादकों को प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों से जुडऩा होगा। इस योजना से 50 हजार रुपये से एक लाख रुपये तक केसीसी से ऋण सुविधा का लाभ मिलेगा। वेजफेड अब राज्य भर में समितियों की संख्या बढ़ाने और अधिक किसानों को इससे जोडऩे का काम कर रही है। अभी बीस जिलों में तीन सब्जी प्रसंस्करण एवं विपणन संघ कार्यरत हैं। इन संघों से 213 प्रखंड स्तरीय प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियां गठित हैं। राज्य के लगभग 25 हजार किसान इन प्राथमिक सब्जी उत्पादक सहयोग समितियों के सदस्य हैं।
Input: Jagran
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