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बिहार में रोजगार मांगने वालो की संख्या 3 गुना बढ़ी, पोर्टल पर इतने लाख युवाओं ने कराया रजिस्ट्रेशन

बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि हुई है। कोरोना काल में देश-विदेश की कंपनियों से बेरोजगार हुए लोग अब रोजगार के लिए तेजी से निबंधन करा रहे हैं। आलम यह है, कि पिछले 5 साल की तुलना में इस साल जनवरी तक सबसे अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन कराया है। पिछले साल की तुलना में चार गुना अधिक बेरोजगारों ने निबंधन पोर्टल पर किया है।

रोजगार मांगने वालों में बेरोजगारों के साथ ही कुछ स्व-रोजगार कर रहे लोग भी शामिल है। हालांकि राहत की बात यह है कि निबंधन करने वालों में एक भी छात्र नहीं है, जो पढ़ाई के साथ-साथ रोजगार भी मांग रहा हो। पोर्टल पर अब तक 13 लाख से अधिक निबंधित हो चुके हैं। बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने नेशनल कॅरियर सर्विस पोर्टल बनाया है।

Increase in the number of job seekers in Bihar
बिहार में रोजगार मांगने वालों की संख्या में वृद्धि

जॉब फेयर में किया जाता है आमंत्रित

जॉब फेयर या नियोजन सह मार्गदर्शन मेला लगता है, तो इन्हीं निबंधित लोगों को आमंत्रित किया जाता है। बिना निबंधन वालों को रोजगार मेले में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाती। साल 2015-16 से यह व्यवस्था प्रभावी है।

Invited in job fair
जॉब फेयर में किया जाता है आमंत्रित

ऑनलाइन निबंधन शुरू होने के बाद 2016-17 ही ऐसा साल रहा, जब 6 लाख से अधिक लोगों ने रोजगार के लिए निबंधन कराया था। इसके बाद इसमें लगातार कमी होती रही। लेकिन मौजूदा वित्तीय वर्ष 2021-22 में एक बार फिर निबंधन की संख्या में वृद्धि हो गई है। अब तक 2 लाख 67 हजार से अधिक बेरोजगारों ने निबंधन किया है।

सबसे अधिक अक्टूबर में निबंधन

सबसे अधिक अक्टूबर में निबंधन हुआ है। इस महीने 63 हजार 524 बेरोजगारों ने पोर्टल पर निबंधन किया है। जबकि अप्रैल में 3581, मई में सबसे कम 1991 ने ही निबंधन किया था।

इसी तरह जून में 7967, जुलाई में 18 हजार 17, अगस्त में 20 हजार 968, सितंबर में 53 हजार 906, नवम्बर में 62 हजार 983, दिसम्बर में 20 हजार 766 तो जनवरी 2022 में 13 हजार 932 बेरोजगारों ने पोर्टल पर निबंधन किया है।

रोजगार मांगने वालों में किन्नर भी

Kinnars are also among those seeking employment
रोजगार मांगने वालों में किन्नर भी

अब तक 222 किन्नरों ने रोजगार के लिए निबंधन किया है। इनमें सबसे अधिक वैशाली के 28 किन्नर हैं। अररिया से दो, औरंगाबाद से चार, बांका से एक, बेगूसराय से 11, भोजपुर से चार, भागलपुर से 16, बक्सर से एक, दरभंगा से तीन, गया से 11, गोपालगंज से दो, जहानाबाद से एक, कैमूर से पांच, कटिहार से आठ, खगड़िया से दो, किशनगंज से एक, लखीसराय से छह तो मधेपुरा से तीन किन्नरों ने निबंधन किया है।

जबकि मधुबनी से एक, मुंगेर से पांच, मुजफ्फरपुर से 13, नालंदा से नौ, नवादा से तीन, पश्चिम चंपारण से चार, पटना से 11, पूर्वी चंपारण से 13, पूर्णिया से तीन, रोहतास से चार, समस्तीपुर से आठ, सारण से नौ, शेखपुरा से एक, शिवहर से दो, सीतामढ़ी से 10, सीवान से 13 तो सुपौल से चार किन्नरों ने रोजगार के लिए निबंधन किया है।