बिहार में मकान निर्माण सामग्रियों के रेट में लोगों को राहत मिलने लगी है। बीते एक महीने में गिट्टी की कीमत में 3500 रुपए प्रति सौ सीएफटी पर गिरावट आई है, जबकि बालू की कीमत में 600 से 800 रुपए प्रति सौ सीएफटी कमी आई है। वहीं, सरिया की कीमत में 400 रुपए प्रति कुंतल और सीमेंट 20 रुपए प्रति बोरा सस्ता हुआ है। निर्माण सामग्री कारोबारियों ने जानकारी दी कि माल भाड़े पर लागत कम हो तो कीमत और भी सस्ती हो सकती है। एक महीने पहले 13,500 रुपए प्रति सौ सीएफटी गिट्टी की कीमत चली गई थी। अभी 9800 रुपए में मिल रहा है।
मुजफ्फरपुर के नारायणपुर अनंत के गिट्टी कारोबारी संजय सिंह बताते हैं कि एक महीने पहले झारखंड सरकार क्रशर मशीनों का लाइसेंस सत्यापन कर रही थी, जिस वजह से बड़ी संख्या में बिना लाइसेंसी मशीनें बंद हो गई। धीरे-धीरे लोगों ने दस्तावेज बनवाए, फिर क्रशर चालू होने लगे। धीरे-धीरे कीमत कम हो रही है।
बेला इमली चौक के निर्माण सामग्री व्यवसायी शर्वेन्दु सिंह ने कहा कि पिछले एक महीने में बालू की कीमत में छह सौ से आठ सौ रुपये तक कमी आई है। बरसात के दिनों में सरकारी योजनाओं का काम था जिस वजह से मांग कम हो गई है। फिलहाल डोरीगंज से बालू आ रही है, जो सस्ते दर पर मिल रही है। उन्होंने बताया कि ब्रांडेड कंपनियों की सरिया की कीमत एक महीने में 1000 रुपए सस्ती हो गई है, नन ब्रांडेड सरिया की कीमतों में भी कमी आई है। बनारस बैंक चौक के निर्माण सामग्री कारोबारी मनोज कुमार बताते हैं कि ए और बी ग्रेड की सीमेंट के रेट में प्रति बैग 20 रुपए तक गिरावट आई है।
ईंट व्यवसायी संघ के जिला सचिव उदय शंकर बताते हैं कि सरकार की असहयोग के वजह से ईंट कारोबारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उत्पादन नहीं होने के चलते एक महीने में ईंट के रेट में प्रति ट्रैक्टर दो हजार रुपए तक वृद्धि हुई है। उन्होंने बताया कि कोयले की महंगाई और विभाग के असहयोग से व्यवसायियों ने ईंट का निर्माण अनिश्चितकालीन तक बंद रखने का फैसला लिया है।
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प्रदेश अध्यक्ष मुरारी कुमारी मन्नू कहते हैं कि विभागों के द्वारा टैक्स के नाम पर ईंट व्यवसायियों का आर्थिक शोषण किया जाता है। उन्होंने कहा कि पहले के मुकाबले जीएसटी में छह गुना बढ़ोतरी कर दी गई है। जिसके चलते कीमतें ग्राहकों को अधिक मूल्य पर ईंट मिल रहा है। यही कारण है कि दिन-ब-दिन कीमत में बढ़ोतरी होती जा रही है।