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बिहार में बिना निबंधन नहीं कर सकेंगे उद्योग-धंधा, सरकार की नजर पर 30 लाख उद्यमी, जानिए विस्तार से

उद्योग विभाग के आंकड़े के मुताबिक बिहार में 34 लाख लघु और मध्यम स्तर के उधम कार्य कर रहे हैं। इनमें से बिना किसी रजिस्ट्रेशन के काम करने वालों की संख्या 30.13 लाख है। उद्योग विभाग ने राज्य के सभी जिला उद्योग केंद्र को यह लक्ष्य दिया है कि जो उद्यम बिना किसी रजिस्ट्रेशन के चल रहे, अभियान चलाकर उन सभी का रजिस्ट्रेशन कराया जाए। बिहार भर में रजिस्टर्ड एमएसएमई की संख्या फिलहाल 3 लाख 86 हजार 711 है।

उद्योग विभाग के आंकड़े के मुताबिक, बिना रजिस्ट्रेशन के उद्योग चलाने वाले उद्यमियों की सबसे अधिक संख्या पटना जिले में है। यहां निबंधित उद्यमों की संख्या 53466 है। उद्योग विभाग का कहना है कि जिले में 8,29,956 उद्यम बगैर रजिस्ट्रेशन के चल रहे हैं। पटना जिले को यह लक्ष्य निर्धारित किया गया है कि उन्हें 7,76,490 उद्यमों का रजिस्ट्रेशन करना है।

प्रतीकात्मक चित्र

पटना के अतिरिक्त आधा दर्जन से ज्यादा जिले इस ग्रुप के हैं। इन जिलों में रजिस्टर्ड एमएसएमई की संख्या 1 लाख से ज्यादा है। विभाग ने इन जिलों में रजिस्ट्रेशन पर ज्यादा जोर दिया है। उद्योग विभाग के मुताबिक मुजफ्फरपुर जिले में रजिस्टर्ड उद्यमियों की टोटल संख्या 24243 ही है, जबकि उद्योग विभाग का आकलन है कि जिले में 2.95 लाख 459 एमएसएमई कार्यशील हैं। इस जिले को 2.71 लाख उद्यमों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य मिला है।

बेगूसराय जिले में रजिस्टर्ड एमएसएमई मात्र 9800 हैं, जबकि यहां 1.15 लाख 808 एमएसएमई कार्यशील हैं। विभाग ने यहां 1.06 लाख उद्यमों के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य दिया है। पूर्णिया जिले में 14161 एमएसएमई ही रजिस्ट्रड हैं। इस जिले का आकलन है कि यहां 1.39 लाख एमएसएमई उद्यमी काम कर रहे हैं। इस जिले को 1.25 लाख 402 एमएसएमई के रजिस्ट्रेशन का लक्ष्य मिला है। उद्योग विभाग के आकलन के मुताबिक वैशाली जिले में 1.70 लाख एमएसएमई कार्यशील हैं और रजिस्ट्रेशन मात्र 15790 का ही है। इस जिले को 1.54 लाख निबंधन का लक्ष्य दिया गया है।

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