बिहार में बाढ़ : नेपाल के तराई क्षेत्र में बीते दो दिनों से लगातार हो रही मूसलाधार वर्षा से कोसी नदी उफान पर है। तटबंध के अंदर बसे लोगों के घर आंगन में दो से तीन फीट पानी घुस गया है। जिससे आमजनों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खासकर तटबंध के अंदर बसे लोगों को एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे पर जाने के लिए नाव का ही सहारा लेना पड़ता है। लेकिन सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग नदी की तेज धारा में या तो छोटी नाव के सहारे अपने कामकाज निपटाते हैं या फिर जान जोखिम में डालकर एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे जाते हैं। बाढ़ के समय में खासकर कोसी तटबंध के अंदर बसे लोगों को पशुचारा की गंभीर समस्या उत्पन्न हो जाती है। नाव के सहारे ही पशु चारे की व्यवस्था भी की जाती है। लेकिन इस बार अभी तक सरकारी स्तर पर नाव की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोग जान जोखिम में डालकर अपना कार्य करते हैं।
मौजहा सुरक्षा बांध 200 मीटर और कटा
वहीं मौजहा गांव के वार्ड नंबर चार स्थित सुरक्षा बांध लगभग 200 मीटर की लंबाई में कट जाने के कारण वार्ड नंबर 4,5, 7,8 में पानी का दबाव बढ़ गया है इसके अलावा रोड नंबर 6 पर भी पानी का दबाव बना हुआ है। ग्रामीण पप्पु कुमार, संतोष यादव, रमेश यादव, योगेंद्र यादव, लाल यादव, गणेश यादव, सुधीर यादव, सूर्यनारायण यादव, उमेश यादव, गणेश मुखिया, ललन मुखिया, राम यादव, शंभू यादव, चंदु यादव, गंगा चौधरी आदि ने बताया कि इस सुरक्षा बांध का निर्माण 2004 में झखराही गांव से मौजहा गांव रोड नंबर 6 तक किया गया था। उस समय झखराही,बुढियाडीह, बेला, मौजहा गांव सहित विभिन्न गांव के सुरक्षा का भार इस सुरक्षा बांध पर था।
लेकिन 2006 में आई बाढ ने इस बांध को बेला गांव के समीप तोड़ दिया। उस समय इस बांध के टूटने के कारण तीन दर्जन घर कोसी नदी में विलीन हो गए थे। लेकिन तबसे अभी तक इस बांध का टूटने का सिलसिला लगातार जारी है और प्रति वर्ष इस बांध के टूटने के कारण दो तीन दर्जन घर कोसी नदी में विलीन होता जा रहा है। लेकिन 16 वर्षों से इस बांध के सुरक्षा के लिए सरकार के द्वारा किसी प्रकार की व्यवस्था नहीं की गई। जिस वजह से आज वार्ड नंबर 4 भी विलुप्त होने के कगार पर है। लोगों ने बताया कि आज 9 किलोमीटर का यह बांध अभी लगभग तीन किलोमीटर ही बचा है। इस सुरक्षा बांध के टूटने के कारण मौजहा पंचायत के विभिन्न वार्डों में खतरे की घंटी बज रही है। पानी का दबाव बढ़ता जा रहा है। लोगों ने बताया कि पहले जब हम लोगों के घर आंगन में पानी आता था तो हमलोग इसी बांध पर आकर शरण लेते थे लेकिन अब इस बांध को भी नदी ने अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है। ग्रामीणों ने बताया कि रोड नंबर 6 भी शिव मंदिर के समीप टूट गया है।
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ऐसे में हमलोगों का जीना मुहाल हो गया है। इस संबंध में मुखिया अमर कुमार चौधरी ने बताया कि कोसी नदी का पानी पंचायत के विभिन्न वार्डों के लोगों के घर आंगन में घुसा हुआ है सरकारी स्तर पर किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं हुई है। लोगों को पशु के चारा, नाव, मेडिसिन और सूखा राशन की जरूरत है। जिसको लेकर मेरे द्वारा कई बार अधिकारी को अवगत कराया गया है लेकिन अभी तक किसी प्रकार की सरकारी स्तर पर कोई व्यवस्था नहीं की गई है। जिससे लोगों की परेशानी बहुत ही बढी हुई है। इस संबंध में राजस्व अधिकारी रविकांत कुमार ने बताया कि आज मैं खुद तटबंध के अंदर जा रहा हूं। विभिन्न पंचायत में जांच-पड़ताल की जाएगी और जांच-पड़ताल के बाद जरूरत के मुताबिक एकरार नामा लेकर नाव बहाल किया जाएगा।