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बिहार में पहली बार बनेगी सुरंग वाली फोर लेन सड़क, 5 किलोमीटर का होगा रोमांचक सफर

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के बिहार वाले एलायनमेंट में पांच किमी सुरंग (टनल) वाली सड़क का निर्माण भी सम्मिलित है। सुरंग वाली सड़क तो 4.75 किलोमीटर में प्रस्तावित है लेकिन इसके लिए छह किमी का हिस्सा लिया जाएगा।

ग्रांड ट्रंक (जीटी) रोड यानी राष्ट्रीय राजमार्ग-2 के समानांतर बनने वाले वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे के बिहार वाले एलायनमेंट में पांच किमी सुरंग (टनल) वाली सड़क का निर्माण भी सम्मिलित है। बिहार की यह पहली सुरंग वाली सड़क होगी।

सड़क का निर्माण चार लेन में होना है, जिसके लिए अभी अनापत्ति प्रमाण पत्र की प्रतीक्षा हो रही। सुरंग वाली सड़क कैमूर में बनाई जानी है। यह हिस्सा कैमूर वाइल्ड लाइफ सेंक्चुरी का है।

Tunneled road to be built in Kaimur
सुरंग वाली सड़क कैमूर में बनाई जानी है

सुरंग वाली सड़क तो 4.75 किलोमीटर में प्रस्तावित है, लेकिन इसके लिए छह किमी का हिस्सा लिया जाएगा। इसके निर्माण के लिए संबंधित मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया जाना है। उसके बाद यह डीपीआर का हिस्सा बनेगी।

सुरंग के निर्माण पर 1,037 करोड़ खर्च होंगे

वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेस-वे की कुल लागत 16,142 करोड़ रुपये अनुमानित है और इसमें 1,037 करोड़ रुपये सुरंग के निर्माण पर खर्च होंगे।

1,037 crore will be spent on the construction of the tunnel
सुरंग के निर्माण पर 1,037 करोड़ खर्च होंगे

इस परियोजना में 744 हेक्टेयर जमीन वन क्षेत्र में है। कुल 124 किमी सड़क वन क्षेत्र का हिस्सा है। 27 बड़े पुल और आठ रेल ओवरब्रिज एक्सप्रेस-वे के एलायनमेंट का हिस्सा हैैं।

यूपी में यह सड़क मात्र 22 किलोमीटर

उत्तर प्रदेश (यूपी) में इस सड़क का केवल 22 किलोमीटर हिस्सा है। बिहार में यह कैमूर जिले में 52, रोहतास में 36.5, औरंगाबाद में 38 और गया जिले में 32.9 किलोमीटर है।

इस परियोजना के लिए बिहार में 1,757 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहण की आवश्यकता होगी। इसमें वन क्षेत्र का हिस्सा 78 किलोमीटर का है। एक अनुमान के अनुसार बिहार में इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर 1,925 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

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