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बिहार में नई नवेली बहु का बिहार पुलिस में चयन, ससुराल में ख़ुशी का माहौल, पढ़े उनकी कहानी

रिजल्ट सुनने के बाद पति मुकुल कुमार तिवारी, चचेरे ससुर संजय तिवारी तथा संतोष तिवारी ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। आइए जानते है रचना के सफलता की कहानी।

बिहार के परसा मिर्जापुर के राजेंद्र चौबे की पुत्री रचना तिवारी का चयन दारोगा पद पर हुआ है। पिछले महीने ही रचना चांदपुरा गांव की बहू बनी हैं।

रिजल्ट सुनने के बाद पति मुकुल कुमार तिवारी, चचेरे ससुर संजय तिवारी तथा संतोष तिवारी ने मिठाइयां बांटकर खुशी का इजहार किया। आइए जानते है रचना के सफलता की कहानी।

Rajendra Choubeys daughter Rachna Tiwari was selected for the post of Inspector
राजेंद्र चौबे की पुत्री रचना तिवारी का चयन दारोगा पद पर हुआ

कभी बेटा बेटी में फर्क नहीं किया

रचना बताती है की उनके पिता राजेंद्र चौबे एक एलआईसी एजेंट है। उनके परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ही ख़राब थी। फिर भी उनके पिता की जो भी आमदनी होती थी उससे वो अपने बच्चों को पढ़ाते थे। उन्होंने कभी बेटा बेटी में फर्क नहीं किया।

Rachna with her father Rajendra Choubey
अपने पिता राजेंद्र चौबे के साथ रचना

हालाँकि समाज के कुछ लोग उनके पिता को यहाँ तक कहते थे की “लड़की को पढ़ाने चले है, अभी तक इसकी शादी नहीं करवाई। बड़े आएं बेटी को अफसर बनाने वाले।” लेकिन अब रचना का बिहार पुलिस में चयन हो जाने पर उन लोगों के मुँह पर ताले लग गए है।

शादी के अगले दिन ही फिजिकल की तैयारी करने में जुट गई

इससे पहले भी रचना ने बिहार दरोगा की लिखित परीक्षा में सफलता अर्जित की थी परन्तु फाइनल मेरिट लिस्ट में उनका नाम नहीं आ पाया। जिस कारण उनके परिवार का धैर्य टूटने लगा और उनकी शादी जून महीने में तय कर दी गई।

Started preparing for physical on the very next day of marriage
शादी के अगले दिन ही फिजिकल की तैयारी करने में जुट गई

रचना बताती है की उनकी शादी 8 जून को हुई और उसके अगले दिन ही वो गाँधी मैदान में फिजिकल की तैयारी करने में जुट गई। अंततः उन्हें बिहार दरोगा के रूप में चयनित होकर सफलता मिल गई।

रचना आगे कहती है की बहुत परेशानियों का सामना करते हुए मैंने ये सफलता हासिल की है, लेकिन संघर्ष के मुकाबले मुझे अभी वैसी सफलता हासिल नहीं हुई है। मेरी असली मंजिल ज्यूडिसियरी सेवा है। मैंने एलएलबी की हुई है और मै आगे जज बनना चाहती हूँ।