42 वीं निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 411.41 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आये हैं। इनमें चेनारी राेहतास में इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जानी है। मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में हुई बैठक में कुल 499 करोड़ के 51 निवेश प्रस्तावों को फर्स्ट क्लियरेंस दिया गया है।
हाल ही में हुई 42 वीं निवेश प्रोत्साहन पर्षद की बैठक में खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में 411.41 करोड़ के निवेश प्रस्ताव आये हैं। इनमें चेनारी राेहतास में इथेनॉल प्लांट की स्थापना की जानी है।
इथेनॉल प्लांट में 372 करोड़ से अधिक का निवेश प्रस्तावित है। उद्योग विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक हाल ही में हुई बैठक में कुल 499 करोड़ के 51 निवेश प्रस्तावों को फर्स्ट क्लियरेंस दिया गया है।
गया,नालंदा, मुंगेर व पश्चिमी चंपारण में राइस मिल प्रस्तावित
जानकारी के मुताबिक रोहतास जिले में इथेनॉल प्लांट 300 केएलपीडी (किलो लीटर/ डे ) है। यह पूरी तरह अनाज अधारित होगा। यह उच्च प्राथमिकता वाला निवेश होगा।
इसके अलावा मैदा,सूजी, फिश फीड,शूगर कन्फैक्शनरी ,वेयर हाउस, शीतगृह, कुकीज एंड ब्रेड में भी निवेश किया जाना है।खाद्य प्रसंस्करण की यूनिटें पटना,भागलपुर,रोहतास, अररिया व सीतामढ़ी केंद्रित हैं।
इसके अलावा इनमें 33.41 करोड़ के प्रस्ताव राइस मिल के हैं। राइस मिल गया,नालंदा, मुंगेर व पश्चिमी चंपारण में प्रस्तावित हैं।
फ्लाइ ऐश की दो यूनिट स्थापित की जायेगी
उद्योग विभाग से मिली प्रोसिडिंग रिपोर्ट के मुताबिक पर्षद की बैठक में जनरल मेन्युफैक्चरिंग में 27.51 करोड़ 27.51 के नौ प्रस्ताव आये हैं।
फ्लाइ ऐश की 2.65 करोड़ की दो यूनिट स्थापित करने पीवीसी पाइप और एचडीपीइ के 3.15 करोड़ की एक यूनिट लगाने काप्रस्ताव है। इसी तरह टेक्सटाइल एवं लैदर की करीब दस करोड़ की 25 यूनिट हैं।
नवीकृत ऊर्जा में 11 करोड़ की दो यूनिट के प्रस्ताव
नवीकृत ऊर्जा में 11 करोड़ की दो यूनिट के प्रस्ताव हैं। टैक्सटाइल और लैदर के क्षेत्र में प्रस्तावित सभी यूनिटें केवल पूर्वी चंपारण और सीतामढ़ी में हैं।
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इन दोनों जिलों में इनके सर्वाधिक कुशल श्रमिक हैं। यह वह श्रमिक हैं ,जो कोरोनो काल में ही बिहार वापस आ गये हैं। अब वे राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ उठा कर यहां काम कर रहे हैं।
मुंबई की टेक्स्टाइल्स कंपनियां करेंगी निवेश
मुंबई की बड़ी बैग और टेक्सटाइल्स कंपनियां बिहार में निवेश करेगी। देश-विदेश का कोई भी निवेशक बिहार के किसी भी गांव में जमीन का मानचित्र मुंबई में ही ले सकेंगे।
इसके लिए बिहार के बांद्रा कुर्ला कॉम्पलेक्स स्थित निवेश आयुक्त कार्यालय में प्लॉटर मशीन स्थापित की गयी है। इसने काम भी चालू कर दिया है।
निवेशक प्रदेश में मौजूदा लैंड बैंक की स्थिति भी जान सकेंगे। इस सुविधा का फायदा कोई भी व्यक्ति मामूली शुल्क देकर बिहार के किसी भी गांव का राजस्व मानचित्र प्राप्त कर सकता है। यह सुविधा बिहार सरकार ने उपलब्ध करायी है।
बिहार में अपनी औद्योगिक यूनिट लगाने के इच्छुक
इधर, मुंबई में ही रविवार को बैग, गारमेंट आदि की अपनी यूनिट चलाने वाले बिहार के उद्यमियों के साथ बिहार उद्योग विभाग के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी।
यह वह लोग हैं, जो बिहार में अपनी औद्योगिक यूनिट लगाने के इच्छुक हैं। जानकारी के मुताबिक इन उद्यमियों में ऐसे 25 उद्यमी भी शामिल हैं।