स्थानीय स्तर पर जरूरत का आकलन कर यदि नया उद्योग लगाया जाए तो परिवार की वित्तीय आवश्यकताएं जरुरी पूरी हो सकती हैं। चिकित्सा, नगर विकास, आवास विभाग, इवेंट मैनेजमेंट और शिक्षा के क्षेत्र में उद्योग का मौका मिल सकता है। परंपरागत तजुर्बा को वित्तीय सहयोग मिल सकता है। वैसे तो 103 तरह के उद्योग का ऑप्शन दिया गया है, किंतु स्थानीय जरुरत के मुताबिक कई नए सेक्टर का चयन करने का ऑप्शन सकता है।
पटना के आसपास के इलाकों में काफी तेजी से नगरीय सुविधा का विस्तार हो रहा है। प्री कैब मटेरियल की डिमांड निर्माण के क्षेत्र में काफी बढ़ी है। फ्लाई एश ब्रिक, पेवर्स ब्लाक,अल्युमिनियम खिड़की-दरवाजे कंक्रीट नाली एवं प्लास्टर आफ पेरिस का दीवाल पार्टिशन कम वक्त में घर बनाने करने वालों की पसंद है। इस तरह के उद्योग लगाने पर 10 लाख रुपए की लागत करने पर सरकार 5 लाख रुपए अनुदान दे रही है। 7 वर्ष में बाकी पैसों को महज एक प्रतिशत ब्याज रेट से चुकाना है।
राजधानी में सड़कों का जाल बिछने के बाद नए उद्योगों को अवसर मिल रहा है। टैक्सी, रेस्टोरेंट्स और ढाबा उद्योग के लिए सरकार के द्वारा 50 प्रतिशत सब्सिडी पर वित्तीय सहयोग लिया जा सकता है। आप यदि चाहे तो स्थानीय टूरिस्ट पैलेस का भ्रमण कराने के लिए टैक्सी खरीद सकते हैं इसके लिए सरकार 50 फीसद अनुदान देगा।
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हाल के कुछ सालों में बच्चों का बर्थडे पार्टी, रिंग सेरिमनी और शादी एनिवर्सरी का प्रचलन काफी तेजी से बढ़ा है। राजधानी पटना के साथ ही आसपास के क्षेत्र में इवेंट मैनेजमेंट के प्रति तेजी से रुझान बढ़ा है। शादी-विवाह के दिनों में ही नहीं बल्कि साल के 365 दिन टेंट, कुर्सी, पंडाल, कैमरा एवं वीडियोग्राफी का का काम मिल रहा है। इस सेक्टर में युवा सरकार से सब्सिडी ले सकते हैं।