बिहार के समस्तीपुर में लोगों के मकान की छतों पर पर 31 किलोवाट सोलर विद्युत उत्पादन करने की योजना है। प्रधानमंत्री ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पैनल प्रोजेक्ट को बढ़ावा देने के मकसद से निरंतर का पहल हो रही है। जानकारी के अनुसार जिन के मकानों में सोलर पैनल लगेगा, उनके इस्तेमाल से बेकार में होने वाली बिजली अपने आप पावर ग्रिड में चली जाएगी। इससे बिजली उपभोक्ता को इससे कीमत भी मिलेगी।
पहले फेज में लगभग एक दर्जन लोगों ने इस योजना का लाभ लिया था। अगले फेज में और भी लोगों को चयनित कर योजना से लाभान्वित करने की तैयारी है। सोलर ऊर्जा को बढ़ावा देने के साथ ही समाप्त होने वाली ऊर्जा स्रोतों पर निर्भर रहने वाला की दिशा में बड़ी पहल है।
बिजली कंपनी के एसडीओ शहरी चंदन यादव ने ने बताया कि यह ब्रेडा की योजना है। इसमें उत्तर बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को जोड़ा गया था। चाइनीस तो को हटाओ को काफी हद तक वित्तीय सहूलियत मिलेगी। इस योजना से वित्तीय लाभ भी प्राप्त होगा। उन्होंने कहा कि सोलर पैनल अधिष्ठापन के बाद परियोजना का काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद खपत के बाद बेकार में बची हुई बिजली अपने आप ग्रीड में चली जाएगी। यह एक्स्ट्रा ऊर्जा दूसरे उपभोक्ताओं के इस्तेमाल में आ सकेगा।
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बता दें कि साल 2022 तक भारत सरकार की कोशिश है कि ग्रीन एनर्जी का उत्पादन 175 गीगावॉट तक जाए। इस योजना को पूर्ण करने में सरकार सहयोग हेतु अनुदान भी दे रही है। सरकार से अनुदान मिलने के बाद इसे महज 60 से 70 हजार रुपए में मकान के छत पर इंस्टॉल कराया जा सकता है। राज्य सरकार भी अपनी ओर से इसके लिए अनुदान देती है, अगर कंज्यूमर्स दो किलोवाट का सोलर पैनल लगवाते हैं, तो 10 घंटे की धूप से लगभग 10 यूनिट बिजली बनेगी। इस हिसाब से 1 महीने में 300 यूनिट बिजली का उत्पादन होगा। घर में अगर 100 यूनिट भी उपभोग हो रहा है तो बाकी के 200 यूनिट सरकार को बेचा जा सकता है। तय दर के अनुरूप बिजली कंपनी भुगतान करेगी।