बक्सर में बुधवार से शुक्रवार तक विभिन्न स्टेशनों पर हुई तोड़फोड़ और आगजनी के बाद शनिवार को पुलिस पर हमला करते हुए गाड़ी फूंक देने की घटना को पुलिस ने काफी गंभीरता से लिया है। घटना की छानबीन के क्रम में पुलिस को ऐसे संकेत मिले हैं जिनसे जाहिर हो रहा है कि यह सारा कुछ अकेले छात्रों के दम पर नहीं हुआ है बल्कि किसी संगठित गिरोह की महत्वपूर्ण भूमिका है। छानबीन के क्रम में उपद्रवियों के बीच नक्सलियों के भी शामिल होने के संकेत मिले हैं जो छात्र आंदोलन की आड़ में सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मकसद पूरा करने में लगे हैं।
डुमरांव एएसपी कुमार राज ने बताया कि छात्र आंदोलन के बीच जिस तरह से हिंसा हुई यह छात्रों की मनोवृत्ति से बिल्कुल अलग हटकर है। छानबीन के क्रम में पता चला कि नावानगर में डुमरांव पुलिस निरीक्षक की गाड़ी को आग लगाने की योजना सुनियोजित साजिश का हिस्सा था। इतना ही नहीं बल्कि नावानगर थाना को उपद्रवियों द्वारा फूंक देने की योजना बनाई गई थी। इतना बड़ा कदम कभी भी छात्र आंदोलन का हिस्सा नहीं हो सकता है। जिस प्रकार से पुलिस पर हमला किया गया था वह नक्सलियों की कार्यशैली थी। जो इस बात का संकेत है कि छात्रों की आड़ में अब नक्सली अपना मकसद पूरा करने की ताक में लगे हैं। एएसपी ने बताया कि चाहे कोई कितना भी सुसंगठित हो पर पुलिस उन्हें कुचलने के लिए पुलिस पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतर चुकी है।
नावानगर में गुप्त बैठक कर आगे की रणनीति हुई तैयार
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सूत्रों की माने तो नावानगर में शनिवार को पुलिस पर किए गए हमला के बाद स्थानीय किसी स्कूल में गुप्त रूप से बैठक की गई है, जिसमें स्थानीय युवकों के अलावा कुछ अन्य लोग भी शामिल थे। बैठक में आगे की रणनीति के बारे में युवकों को जानकारी देते हुए सोमवार को आयोजित भारत बंद के दौरान की जाने वाली गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है। इस बैठक में जहां कुछ स्थानीय चेहरे शामिल थे तो कुछ अनजाने चेहरे भी नजर आ रहे थे। बताते चलें कि जिले का राजपुर, धनसोइ, नावानगर, बगेन तथा इनसे सटे रोहतास के दिनारा और विक्रमगंज के इलाके पूर्व से नक्सल प्रभावित क्षेत्र रहे हैं। मौजूदा समय पुलिस की बढ़ी गतिविधियों के कारण इन सभी क्षेत्रों में नक्सलियों की गतिविधियां भले ही दब गई हैं, पर समाप्त नहीं हुई हैं।