PATNA- बिहार की सिपाही भर्ती में फिटनेस घोटाला, 35 अनफिट कैंडिडेट 3 माह में फिट हो गए; दिक्कतें ऐसी थी, जो कभी ठीक हो ही नहीं सकत : बिहार में सिपाही भर्ती में फिटनेस घोटाला मामला सामने आया है। एक बार जिन कैंडिडेट्स को अनफिट घोषित कर दिया गया, 3 माह बाद उन्हीं को फिट कर दिया गया है। एक बार अनफिट और दोबारा फिट करने के कारणों की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है।
केंद्रीय चयन पर्षद ने इसके लिए हुई मेडिकल जांच पर सवाल खड़ा करते हुए अब उच्च स्तरीय फिटनेस जांच का आदेश दिया है। अब पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के अधीक्षक की अध्यक्षता में बोर्ड बनाकर कैंडिडेट्स की मेडिकल जांच कराई जाएगी।
ऐसे हुआ मेडिकल फिटनेस जांच में बड़ा खेल
केंद्रीय चयन पर्षद (सिपाही भर्ती) ने 2019 में सिपाही भर्ती निकाली थी। चलंत दस्ता के पद पर चयनित सिपाही अभ्यर्थियों की चिकित्सकीय जांच असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, पटना की अध्यक्षता में गठित बोर्ड में 15 जून 2021 एवं 26 जुलाई 2021 से 29 जुलाई 2021 के बीच कराई गई थी। बोर्ड की जांच में 42 कैंडिडेट्स को विभिन्न चिकित्सा कारणों से अनफिट घोषित कर दिया गया था।

बाद में 42 अनफिट कैंडिडेट्स में से 35 ने बोर्ड को चैलेंज कर दिया। जांच से असंतोष व्यक्त करते हुए अपने फिटनेस चिकित्सा प्रमाण-पत्र के साथ खुद को पूरी तरह से फिट होने का दावा किया। इसके बाद विभाग ने 5 दिसंबर 2021 को सिविल सर्जन, पटना को 35 कैंडिडेट्स का फिर से मेडिकल जांच कराने को कहा।
चौंकाने वाली बात यह है कि 30 दिन बाद ही दोबारा हुई मेडिकल जांच में असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी द्वारा उन्हीं 35 अनफिट कैंडिडेट्स में से 32 को फिट घोषित कर दिया गया। कुल 35 कैंडिडेट्स में मात्र एक को अनफिट किया, जबकि 2 को अनुपस्थिति बताया गया।
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विभाग की जांच में हो गया बड़ा खुलासा
बिहार सरकार के परिवहन विभाग के उपसचिव के 15 दिसंबर को जारी आदेश में गड़बड़ी का खुलासा हो गया है। आदेश में कहा गया है कि यह जांच विरोधाभाषी प्रतीत हो रही है। उन्हें जिन कारणों से अनफिट किया गया है, वह कभी ठीक नहीं हो सकते हैं। इसमें कलर विजन और आई विजन को सही नहीं किया जा सकता है। अब पटना मेडिकल कॉलेज में ऐसे कैंडिडेट्स की जांच में और चौंकाने वाला खुलासा होगा।
सिविल सर्जन ने भी नहीं बताया अनफिट को फिट करने का कारण
इस संबंध में पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा कुमारी भी अनफिट को फिट करने का कोई वाजिब कारण नहीं बता पाईं। बोर्ड की अध्यक्ष होने के बाद भी उन्होंने गैर जिम्मेदाराना बात कहीं। उनका कहना है कि बोर्ड से बात की जाए। जब भास्कर ने उन्हें बोर्ड का अध्यक्ष बताकर जवाबदेह बताया और जवाब मांगा तो उन्होंने कहा- अभी पता नहीं, बाद में बताएंगे।