पुलिसिया कार्यशैली गाहे-बगाहे सुर्खियां बटोरती रहती है। ताजा मामला नगर थाना क्षेत्र से जुड़ा है। यहां पुलिस की नजर में 15 दिन पहले जो व्यक्ति बेदाग था, वह रविवार की रात दागी निकल गया। उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज था और अब उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। इस पूरे मामले में टाउन थाना की खूब किरकिरी हो रही है। मामले में जदयू के जिला उपाध्यक्ष रविंद्र मंडल की गिरफ्तारी की गई है।
आदर्श थाना की पुलिस ने नगर परिषद से मुख्य पार्षद प्रत्याशी सह जदयू के जिला उपाध्यक्ष रविंद्र मंडल को गिरफ्तार कर लिया है। पेशे से चिमनी-भट्ठा व्यवसायी रविंद्र मंडल को 15 दिन पूर्व ही चरित्र प्रमाण पत्र निर्गत किया गया था। यहां यह बताना लाजिमी है कि चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन संबंधित थाना द्वारा अभिलेख का अवलोकन कर किया जाता है। बड़ी बात तो यह है कि बकौल रविंद्र मंडल इस केस की उन्हें जानकारी ही नहीं थी। बहरहाल यह मामला कई अहम सवाल छोड़ गया है।
बिहार पुलिस का ब्लंडर
– 15 दिन पहले ही किया था चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन
– अध्यक्ष पद के लिए नामांकन के दिन भी सोई रही पुलिस
आखिरकार रविंद्र मंडल की जानकारी के बगैर जांच कैसे पूरी हो गई। पुलिस दुर्भावना से प्रेरित थी या फिर टेबल जांच की गई। कहीं रविंद्र मंडल तो गलत बयानी नहीं कर रहे हैं? रविंद्र के खिलाफ मुकदमा था तो चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन कैसे हो गया? मुकदमा और वारंट था तो फिर नामांकन के दिन गिरफ्तार करने में पुलिस क्यों और कैसे पिछड़ गई ? ये तमाम सवाल पुलिस के लिए मुश्किलें पैदा कर रही है। वैसे अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी डा राकेश कुमार ने मामले में जांचोपरांत उचित कार्रवाई की बात कही है लेकिन ऐसी कार्यशैली पुलिस की छवि सुधारने में लगे पुलिस अधीक्षक डा शौर्य सुमन के समक्ष एक और टास्क दे गया है।
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क्यों हुई गिरफ्तारी, क्या है मामला?
नगर परिषद अध्यक्ष पद के लिए चुनावी मैदान में भाग्य अजमाने उतरे रविंद्र मंडल को गिरफ्तार कर लिया गया। उनकी गिरफ्तारी 2021 में अवैध बालू खनन में दर्ज मामले के चलते हुए है। बताया जाता है कि खनन विभाग के निरीक्षक द्वारा पांच जनवरी 2021 को मामला दर्ज कराया गया था। नदी से बालू के अवैध उत्खनन का रविंद्र मंडल पर आरोप लगा था। हालांकि मुकदमा से अनजान रविंद्र मंडल नगर निकाय चुनावी मैदान में पूरी तैयारी से लगे थे। देर रात अचानक हुई उनकी गिरफ्तारी से शहर का राजनीतिक तापमान बढ़ गया।
शहरभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। गिरफ्तारी के बाद आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर शुरू हो गया है। रविंद्र मंडल की मानें तो उनके ऊपर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की कोई भी सूचना पुलिस द्वारा उन्हें नहीं दी गई थी। जब खनन निरीक्षक ने अवैध उत्खनन का आरोप लगाते हुए उनसे पूछा था तो उन्होंने उस जमीन के कागजात विभाग को उपलब्ध कराया था, जहां से मिट्टी का खनन वे कर रहे थे। उनका चिमनी भट्ठा चलता है। अपनी जमीन से वे मिट्टी ढोकर चिमनी पर जमा कर रहे थे। उन्होंने राजनीति के तहत झूठे केस में फंसाने का आरोप लगाया है। पुलिस द्वारा सोमवार को कागजी प्रक्रिया पूरी कर जेल भेज दिया गया है।
जमुई एसडीपीओ डॉ. राकेश कुमार ने कहा, ‘मुकदमा में आरोपी व्यक्ति के चरित्र प्रमाण पत्र के आवेदन का सत्यापन प्रतिवेदन में क्लीन चिट देने के मामले की जांच की जाएगी।’