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बिहार: पटना में नया समाहरणालय भवन निर्माण का रास्ता साफ़, सुप्रीम कोर्ट ने दी अनुमति

निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसके परिसर में चल रहे तीन कार्यालयों को शिफ्ट करना होगा। इसमें अनुमंडल कार्यालय, समाहरणालय कोषागार, अभिलेखागार शामिल हैं। विकास भवन को तोड़ने की योजना नहीं है, इससे डीडीसी कार्यालय विकास भवन में ही चलेगा।

बिहार की राजधानी पटना के नये समाहरणालय भवन परिसर के निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय की ओर से जारी सूचना के अनुसार सुप्रीम कोर्ट ने इसके निर्माण को हरी झंडी दे दी है।

निर्माण कार्य को लेकर पटना हाइकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है।

एजेंसी को अविलंब कार्य शुरू करने का निर्देश

विरोध करने वालों का तर्क था कि पुराना समाहरणालय एक हेरिटेज बिल्डिंग है, जिसे तोड़ना नहीं चाहिए और संरक्षित करने की जरूरत है।

फैसले के बाद शुक्रवार को भवन निर्माण विभाग के सचिव और पटना प्रमंडल के आयुक्त कुमार रवि ने कार्यपालक अभियंता निर्माण प्रमंडल वन और इससे जुड़ी एजेंसी को अविलंब कार्य शुरू करने का निर्देश दिया है।

Old Collectorate of Patna
पटना का पुराना समाहरणालय

3 कार्यालयों को अन्य जगहों पर करना होगा शिफ्ट

निर्माण कार्य शुरू होने के बाद इसके परिसर में चल रहे तीन कार्यालयों को शिफ्ट करना होगा। इसमें अनुमंडल कार्यालय, समाहरणालय कोषागार, अभिलेखागार शामिल हैं।

विकास भवन को तोड़ने की योजना नहीं है, इससे डीडीसी कार्यालय विकास भवन में ही चलेगा। नये भवन में 39 विभागों को जगह मिलेगी. 3484 वर्गफुट का गार्डन होगा। तीन कांफ्रेंस हॉल बनेंगे और छत पर सोलर पैनल लगेगा।

खास बाते

बिल्डिंग भूकंपरोधी होगी. खिड़कियां काफी बड़े आकार की होंगी। बिल्डिंग के अंदर से गंगा का मनोरम दृश्य दिखेगा. सबसे ऊपरी फ्लोर पर डीएम का चैंबर होगा।

150 करोड़ से अधिक राशि से नयी समाहरणालय बिल्डिंग का होना है निर्माण।

G+5 फ्लोर की होगी बिल्डिंग।

2.6 वर्ष में निर्माण कार्य होगा पूरा।

445 गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था होगी, जिसमें 200 की ओपन पार्किंग और 240 की बेसमेंट पार्किंग होगी।