PATNA-सीतामढ़ी में बनेगी मां सीता की विश्व की सबसे बड़ी 251 मीटर ऊंची प्रतिमाअष्टधातु की होगी माता जानकी की प्रतिमा, डिजिटल म्यूजियम, शाेध संस्थान तथा अध्ययन केन्द्र भी बनेगा, 400 करोड़ हाेंगे खर्च, विशाल प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रूप में भगवती की 108 प्रतिमाएं भी स्थापित होंगी : रामायण रिसर्च काउंसिल की ओर से सीतामढ़ी में माता सीता की विश्व की सबसे बड़ी प्रतिमा का निर्माण कराया जायेगा। इसके लिए श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति का गठन किया गया है। इसका अध्यक्ष स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू को बनाया गया है।
यह जानकारी नगर के राजोपट्टी स्थित परिसदन में आयोजित प्रेसवार्ता में काउंसिल के नेशनल को-ऑर्डिनेटर सह जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर हिमालय योगी वीरेन्द्रानंद जी महाराज ने दी। उन्होंने कहा कि यह विशाल प्रतिमा भारत के सांस्कृतिक मूल्यों को संवर्धित करेगी। कहा कि माता सीता धैर्य और साहस की सबसे बड़ी उदाहरण है। काउंसिल के मुख्य मार्गदर्शक श्रीमहंथ परमहंस स्वामी सांदीपेन्द्र जी महाराज के सौजन्य के साथ ही केन्द्र एवं राज्य सरकार की मदद और जनसहयोग से इस कार्य को पूरा किया जायेगा। इस पर चार सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। विशाल प्रतिमा अष्टधातु की होगी। इस दौरान श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष सह स्थानीय सांसद सुनील कुमार पिंटू ने मां सीता डॉट कॉम वेबसाइट का शुभारंभ किया।

दूसरे राज्यों के भी होंगे प्रतिनिधि
काउंसिल के सचिव पीतांबर मिश्रा ने बताया कि इस श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति में कुल 21 सदस्य होंगे। बाद में इसका विस्तार 108 सदस्यों तक किया जा सकेगा। समिति में देश के हर प्रदेश से एक सदस्य को शामिल किया जायेगा। विश्व के ऐसे देश, जहां अधिकांश सनातन धर्म के लोग हैं, उन देशों से भी एक-एक प्रतिनिधि सदस्य को रखा जायेगा। समिति के अध्यक्ष कार्य प्रगति से राज्य एवं केन्द्र को अवगत करायेंगे।
दस एकड़ में होगा परिसर
वहीं सांसद सह श्री भगवती सीता तीर्थ क्षेत्र समिति के नवनियुक्त अध्यक्ष सुनील कुमार पिंटू ने कहा कि इसके लिए दस एकड़ जमीन की आवश्यकता होगी। जिले में इसके चयन के लिए पहल शुरु कर दी गयी है। इस क्रम में कुछ मठ-मंदिर के महंथों से बातचीत भी हुई है। यह स्थल जिले में कही भी हो सकता है।
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नौका विहार की तरह विकसित होगा
वहीं काउंसिल के संस्थापक सह महासचिव कुमार सुशांत ने बताया कि माता सीता की यह प्रतिमा 251 मीटर ऊंची होगी। मुख्य विशाल व भव्य प्रतिमा के चारों ओर वृत्ताकार रुप में भगवती सीता की 108 प्रतिमाएं स्थापित की जायेगी। इन प्रतिमाओं के दर्शन के लिए इस स्थल को नौका-विहार की तरह विकसित किया जायेगा। यहां एक डिजिटल म्यूजियम, शाेध संस्थान तथा अध्ययन केन्द्र का निर्माण भी कराया जायेगा।