इस अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी अवार्डस में 174 देशों के 124827 लोगों द्वारा 470 हजार फोटो भेजे गये थे, अनुराग के द्वारा लिए गए एक फोटो को अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड मिला है।
कौन कहता है कि आसमां में सुराख नहीं हो सकता, एक पत्थर तो तबीयत से उछालो यारों…! इस कहावत को चरितार्थ कर दिखाया है बिहार के इस युवक ने।
जी हाँ हम बात कर रहे है बिहार के सीवान जिले के महाराजगंज प्रखंड के बगौछा गांव निवासी धर्मदेव शर्मा के सबसे छोटे पुत्र मनीत कुमार उर्फ मनीत अनुराग ने। अनुराग के द्वारा लिए गए एक फोटो को अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड मिला है।
अनुराग के द्वारा लिया गया फोटो हुआ चयनित
इन्हें यह अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी अवार्ड फोटोग्राफी के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ऑनलाइन प्रतियोगिता आयोजित करने वाली एजेंसी 35 अवार्डस के द्वारा पिछले दिनों आयोजित सांतवा अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता में मिला है।
इस अंतरराष्ट्रीय फोटोग्राफी अवार्डस में 174 देशों के 124827 लोगों द्वारा 470 हजार फोटो भेजे गये थे, जिसमें से दुनिया के सौ बेस्ट फोटोग्राफी को अवार्ड दिया गया है। अनुराग के द्वारा लिया गया फोटो उन चयनित सौ फोटो में शामिल है।
बड़े भाईयों से फोटोग्राफी की कला सीखी
उल्लेखनीय है कि मनीत अनुराग ने अपने बड़े भाईयों से ही शुरुआती दौर में फोटोग्राफी की कला सीखी है। ये ग्रामीण क्षेत्रों में रहने के बाद भी शाॅर्ट फिल्म, वीडियो एलबम , माॅडलिंग फोटोग्राफी समेत वाइल्डलाईफ फोटोग्राफी में लगातार अपने कला को दुनिया के सामने लाने का प्रयास करते रहते हैं।
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वर्तमान में अनुराग अपने बड़े भाई मनोज कुमार शर्मा व मुन्ना कुमार के साथ उनके स्टूडियो रूपश्री में फोटोग्राफी का कार्य करते हैं।
अनुराग ने मीडिया को बताया कि सांतवा अंतर्राष्ट्रीय फोटोग्राफी प्रतियोगिता में चयनित हुए फोटो को सारण जिले के लहलादपुर प्रखंड अन्तर्गत किशनपुर लौवार पंचायत में पिछले वर्ष अक्टूबर महीने में ली गयी थी। इनकी एक और तस्वीर इसी संस्थान के छठे अवार्ड प्रतियोगिता में चयनित हो चुकी है।