पटना. आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) बेरोजगरों को रिझाने के लिए आगामी विधानसभा चुनाव (Asembly Election) में इस मुद्दे को बड़ा करने जा रहे हैं. उन्होंने शनिवार को घोषणा की कि बेरोजगरी हटाने को लेकर आरजेडी (RJD) जल्द ही आंदोलन शुरू करने जा रही है. इसको लेकर बेरोजगरी हटाओ नाम से वेब पोर्टल जारी किया गया है. www.berojgarihatao.co.in नाम से जारी पोर्टल के साथ ही बेरोजगारों के लिए पार्टी ने टोल फ्री नम्बर भी जारी किया है. 9334302020 नम्बर पर बेरोजगार पंजीयन कर सकते हैं और लोग अपना बायोडाटा इसमें डाल सकते हैं. तेजस्वी ने इसको लेकर घोषणा की कि अगर सरकार बनी तो मेगा ड्राइव चलाकर सभी को नौकरी दी जाएगी.
तेजस्वी यादव ने केंद्र की मोदी सरकार को भी अपने निशाने पर लिया और कहा कि नए रोजगार को केंद्र सरकार खत्म कर रही है. भारत सरकार ने इसके लिए चिट्ठी भी लिखी है. डिपार्टमेंट ऑफ़ एक्सपेंडिचर ने चिट्ठी निकाली है. किसी भी डिपार्टमेंट में नई नौकरी देने के मौका खत्म कर दिया गया है. वहीं बिहार में नीतीश की आत्मा सोई हुई है, अब यह जगेगी भी नहीं. अगर मेरी सरकार बनी तो बिहार में स्थायी नौकरियां देने का काम करूंगा. आखिर समय पर परीक्षा और रिजल्ट देने में क्या परेशानी है.
तेजस्वी ने कहा कि बिहार में आईटी पार्क लगाया जा सकता है. पर्यटन उद्योग को और बढ़ावा देने की जरूरत है. फूड प्रोसेसिंग यूनिट लगाकर रोजगार दिया जा सकता है. SEZ जैसे नियम बिहार में क्यों नही लाये जा सकते. उन्होंने यह भी घोषणा की कि इसको लेकर जल्द ही लोगों के बीच ब्लू प्रिंट सामने लाएंगे. उन्होंने कहा कि बेरोजगारों को कैसे काम उपलब्ध करवाया जाए इसको लेकर जानकारों से लगातार बात भी कर रहा हूं.
बता दें कि शुक्रवार को उन्होंने एक बयान में कहा कि युवाओं का वर्तमान और भविष्य बर्बाद करने वाले आदरणीय नीतीश कुमार जी,आपसे यह करबद्ध प्रार्थना है कि आप दलगत राजनीति से ऊपर उठकर बिना डरे बेरोजगारी, पलायन और रोजगार सृजन जैसे सबसे अधिक प्रासंगिक और ज्वलंत मुद्दे पर ईमानदारी से बोलिए. उन्होंने कहा कि बिहार में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है. 46.6% बेरोजगारी दर का अर्थ है कि बिहार का लगभग हर दूसरा युवा बेरोजगार है.बयान में तेजस्वी ने कहा कि 18 से 35 वर्ष की आयु सीमा में बेरोजगारी दर इससे भी अधिक है.
तेजस्वी ने तीखा हमला करते हुए कहा कि जिन मुट्ठीभर लोगों के पास संविदा के नाम पर रोजगार है, वह भी उसे नियमित किए जाने की मांग को लेकर सड़कों पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जिन्होंने परीक्षा दी वो नतीजों के लिए और जिनके नतीजे आ गए वो बहाली के लिए सड़कों पर आवाज़ उठा रहे हैं. 15 साल से रोजगार मिटाने के लिए वर्तमान सरकार एक सुदृढ़ नीति भी नहीं बना पाई. रोजगार देना तो बहुत दूर की बात है.
बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने दलितों को लेकर शुक्रवार को हुए बैठक में कई बड़ी घोषणा की थी. इसके तहत सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी अनुसूचित जाति या जनजाति के व्यक्ति की अगर हत्या होती है तो उनके परिवारों को एक सरकारी नौकरी देने के नियम जल्द से जल्द बनाया जाए. इसके साथ ही दलितों के लंबित कांडों को 20 सितंबर तक जल्द से जल्द खत्म करने का भी निर्देश दिया. जाहिर है बिहार विधनसभा चुनाव के मद्देनजर इस पर सियासत भी शुरू हुई और इस दांव का विपक्षी दलों द्वारा काट भी खोजा जाने लगा. अगले ही दिन शनिवार को आरजेडी ने बड़ा दांव खेल दिया और बेरोजगारों को नौकरी देने का ऐलान कर दिया है
Input: News18
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