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बिहार के छह और शहरों का बनेगा मास्टर प्लान, ग्रामीण इलाके भी किए जाएंगे शामिल; खोजी जा रही एजेंसी

राज्य के छह और शहरों का भोगौलिक सूचना प्रणाली यानी जीआइएस आधारित मास्टर प्लान बनाया जाएगा। नगर विकास एवं आवास विभाग ने इसके लिए एजेंसी की खोज शुरू कर दी है। जिन आधा दर्जन शहरों का मास्टर प्लान बनना है, उनमें अररिया, फारबिसगंज, खगड़िया, लखीसराय, जमुई और भभुआ शामिल हैं। इन छह शहरों का प्लानिंग एरिया पहले ही तय हो चुका है। इसमें शहरी क्षेत्र के साथ आसपास के ग्रामीण इलाके भी शामिल हैं। इसकी अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। अब एजेंसी की मदद से इनके सुनियोजित विकास का खाका तैयार किया जाएगा।

मास्टर प्लान के तहत होंगे ये काम

प्लानिंग एरिया का नक्शा, गांव व शहरों में सुविधाओं को चिह्नित करना, सुनियोजित विकास के लिए जोन का बंटवारा, प्लानिंग एरिया के विकास की योजना, सिंचाई, आधारभूत विकास आदि की वस्तुस्थिति और प्रस्ताव, इंडस्ट्रीयल पार्क, कामर्शियल काम्प्लेक्स, मल्टीप्लेक्स, पार्क व मैदान आदि के लिए भूमि चिह्नित करना आदि।  117.71 वर्ग किमी है जमुई का प्लानिंग एरिया 158.06 वर्ग किमी है लखीसराय का प्लानिंग एरिया 183.98 वर्ग किमी है खगडिय़ा का प्लानिंग एरिया 160.4 वर्ग किमी है अररिया का प्लानिंग एरिया 75.77 वर्ग किमी है फारबिसगंज का प्लानिंग एरिया 115.66 वर्ग किमी है भभुआ का प्लानिंग एरिया

18 जुलाई तक मांगा प्रस्ताव

नगर विकास एवं आवास विभाग ने मास्टर प्लान बनाने के लिए एजेंसियों से प्रस्ताव मांगा है। प्री-बिड मीटिंग पांच जुलाई को होगी। आनलाइन आवेदन 15 जुलाई, जबकि आफलाइन आवेदन 18 जुलाई तक जमा करना है। कांट्रेक्ट अवधि 385 दिन की होगी, जबकि 365 दिनों की सहयोग अवधि भी दी जाएगी। इस दौरान जोनल डेवपलमेंट प्लान भी बनाना होगा।

44 शहरों के मास्टर प्लान पर चल रहा काम

फिलहाल राज्य के 44 शहरों के मास्टर प्लान पर तेजी से काम चल रहा है। इन शहरों का पहले प्लानिंग एरिया तय किया गया है और फिर बारी-बारी से मास्टर प्लान बनाने का काम शुरू हो रहा है। पहले चरण में राज्य के 13 शहरों के मास्टर प्लान के प्रारूप पर काम शुरू किया गया था। इनमें गया, आरा, भागलपुर, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, दरभंगा, पूर्णिया, राजगीर, बिहारशरीफ, बेगूसराय, छपरा व सहरसा आदि शामिल हैं। इसके अलावा हाल ही में बक्सर, किशनगंंज, सिवान, बेतिया, कटिहार, सासाराम, बेतिया, मोतिहारी, औरंगाबाद, सीतामढ़ी और हाजीपुर आदि शहरों में आयोजना प्राधिकार का गठन कर मास्टर प्लान बनाने की कवायद शुरू की गई है।