बिहार में सड़कों की कनेक्टिविटी और भी बेहतर होने वाली है। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत बिहार के 280 सड़कों को स्वीकृति दी है। इसके साथ ही केंद्र ने 84 पुलों के निर्माण पर मुहर लगाई है, जिसकी टोटल लंबाई 3570 मीटर है। इन पुल और सड़कों के निर्माण पर कुल 1603 करोड़ रुपए की लागत आएगी।
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री जयंत राज ने कहा कि प्रदेश सरकार के द्वारा 6600 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए प्रस्ताव सौंपा गया है। इनमें से पहले ही 1300 किलोमीटर सड़क निर्माण को स्वीकृति मिल चुकी है। फिलहाल केंद्र सरकार ने 2172 किमी लंबी सड़क निर्माण पर मुहर लगाई है। नई तकनीक से 1000 किलोमीटर लंबी सड़क निर्माण कराने के प्लान पर बातचीत चल रहा है। इस टेक्नोलॉजी से ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बेहतर होगी और निर्माण में कम लागत आएगी। वहीं, निकट भविष्य में 1500 किमी सड़क निर्माण को स्वीकृति मिलने की उम्मीद है।
मंत्री ने कहा कि 84 पुलों और 280 सड़कों के निर्माण में 1603 करोड़ में प्रदेश सरकार भी खर्च करेगी। इस राशि में केंद्र सरकार 953 करोड़ जबकि राज्य सरकार अपने निधि से 650 करोड़ रुपए खर्च करेगी। इन सड़कों एवं पुलों के निर्माण के लिए जल्द ही निविदा निकाली जाएगी। प्रयास होगी कि दो से तीन सालों में इन पुलों और सड़कों का निर्माण पूरा हो जाए।
मंत्री ने पूर्व से बन चुकी सड़कों की मरम्मत पर कहा कि नई पॉलिसी के तहत सभी रोडों की मरम्मत हो रही है। जिलों के कार्यपालक इंजीनियरों को आदेश दिया गया है कि वह हर सूरत में ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर बनाए रखें। अगर पिछले वर्ष बाढ़ में कोई सड़क को नुकसान पहुंचा है तो उसकी मरम्मत जल्द से जल्द पूरी करवाई जाए, ताकि आम जनों को दिक्कत ना हो। सड़क मरम्मत या निर्माण में किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने कहा कि लापरवाही बरतने वाले अभियंताओं को चिन्हित कर कार्रवाई किया जाएगा।
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