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बिहार के किसान कर रहे शुगर फ्री आलू की खेती, ज्यादा उपज के साथ कई मायनों में है फायदेमंद

अगर दृढ़ संकल्प कर और और सही दिशा में ईमानदारी कोई काम की जाये, तो कुछ भी असंभव नहीं है। वैशाली जिले के महनार प्रखंड के जलालपुर गांव के निवासी टुनटुन मिश्र ने यह सच कर दिखाया है। टुनटुन मिश्र ने इस वर्ष अपनी एक एकड़ जमीन में शुगर फ्री आलू की खेती किया है। हालांकि वह अपनी आलू की फसल अच्छी देखकर वह बहुत खुश हैं। और उन्हें इस शुगर फ्री आलू की खेती से काफी उम्मीदें लगाई हैं। इन्हें देख कर आस पास के क्षेत्र के अन्य किसान भी शुगर फ्री आलू की खेती करने की ओर आकर्षित हो रहे हैं।

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टुनटुन मिश्र पेशे से एक किसान है उन्होंने बताया कि मुझे समस्तीपुर, हाजीपुर, पूसा आदि जगहों के किसानों द्वारा मुझे शुगर फ्री आलू की खेती करने की प्रेरणा मिली थी। और इस बार मैंने हाजीपुर से बीज मंगाकर शुगर फ्री आलू की खेती की है। और मेरे द्वारा उगाई गई शुगर फ्री आलू को देखकर आसपास के अन्य किसान भी प्रेरित हुए हैं।

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प्रतीकात्मक चित्र

टुनटुन अपने अनुभव से बताते हैं कि शुगर फ्री आलू की खेती में सबसे खास बात यह है कि इसमें रासायनिक खाद का प्रयोग नहीं किया जाता, केवल जैविक खाद का ही प्रयोग किया जाता है। साथ ही सामान्य आलू की उपज की तुलना में शुगर फ्री आलू की उपज 3 गुनी अधिक होती है।

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बाजार में यह शुगर फ्री आलू लगभग 80 रुपये किलो बिकता है। टुनटुन कहते है कि इसकी खेती के लिए मैं अपने गांव के किसानों को प्रेरित करूंगा और आने वाले भविष्य में अन्य किसानों को बीज भी उपलब्ध कराऊंगा। जलालपुर गांव के सामाजिक कार्यकर्ता व मुखियापति संतोष कुमार मिश्र उर्फ भोला मिश्र बताते हैं कि टुनटुन की इस लगन और कड़ी मेहनत को देखकर गांव के अन्य किसान भी शुगर फ्री आलू की खेती करने के प्रति जागरूक हुए है, क्योंकि अभी के समय मे लगभग हर घर मे शुगर की बीमारी पांव पसार चुकी है। अब ऐसे में शुगर फ्री आलू की बिक्री अधिक होगी जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी और किसान खुशहाल रहेंगे।

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