अनाज भंडारण क्षमता में बढ़ोतरी के लिए इस वर्ष 400 पैक्सों में गोदाम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 105 करोड़ राशि खर्च होना है जो कि 2 किस्तों में जिसमे पहली किस्त 28 करोड़ एवं दूसरी किस्त 33 करोड़ रुपये उपलब्ध कराये गए हैं। बाकी की राशि भी इस महीनें में जारी कर दी जाएगी। प्रविधान के अनुसार सुरक्षित एवं टिकाऊ गोदाम के लिए तय माडल को भवन निर्माण विभाग के अभियंता से तकनीकी स्वीकृति मिल जाने के बाद पैक्सों द्वारा निर्माण कार्य पूरा होता है।
सहकारिता सचिव वंदना प्रेयषी के कहे अनुसार राज्य में कुल 8,463 पैक्सों में 6600 के पास गोदाम हैं। भंडारण क्षमता 13 लाख 11 हजार टन है। नए गोदाम बनने से डेढ़ लाख टन भंडारण क्षमता का सृजन होगा। हालांकि जिन पैक्सों के पास पर्याप्त भूमि उपलब्ध है, वहां पर 500 टन एवं 1000 टन क्षमता वाले गोदाम निर्माण के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। 200 टन क्षमता के लिए 14 लाख, 500 टन के लिए 32 लाख एवं 1000 टन क्षमता के लिए 58 लाख रुपये दिया जाता है। विशेष परिस्थिति में जिस पैक्स के पास भूमि कम है वहां 200 टन भंडारण क्षमता वाले गोदाम की स्वीकृति दी जाती है।
अब ग्रामीण क्षेत्रों में अनाज के सुरक्षित रख-रखाव के लिए किसान अपना छोटे-छोटे गोदाम का निर्माण कर सकेंगे। इसके लिए उन्हें अनुदान दिया जाएगा। सामान्य श्रेणी के लिए 5 लाख रुपए या लागत के 50 प्रतिशत में जो कम होगा, अनुदान मिलेगा। SC-ST को 9 लाख या लागत के 75 फीसद में जो कम होगा, मिलेगा। ग्रामीण क्षेत्रों में देखे तो ज्यादातर किसानों के पास गोदाम की व्यवस्था नहीं है। जिससे किसान फसलों को अधिक दिनों तक स्टोरेज कर के नहीं रख पाते। सीजन में फसलों का मूल्य सस्ता होता है, जबकि बाद में भाव बढ़ जाते हैं। गोदाम नहीं होने के कारण किसान खुले बाजार में अपना फसल बेच देते हैं। ऐसे में उनका काफी नुकसान होता है। सस्ते दामों में ही फसलों को बेचना पड़ता है। यदि उनका खुद का गोदाम होगा तो अनाज भंडारण कर सकेंगे। और बाजार के रुख को देखकर अनाज बेच सकेंगे।
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