बिहार : सरकारी स्कूल के लड़कों को भी आती है माहवारी : अपने सेवाकाल में छपरा के एक प्रधानाध्यापक कुछ ऐसी कारगुजारी कर गए हैं, जिसके सामने तमाम घोटाले और अंधेरगर्दी बौनी पड़ जाएगी और आपके मुंह से बस इतना ही निकलेगा – OMG. जी हां, इस प्रधानाध्यापक के स्कूल बही-खाते और डॉक्यूमेंट्स बताते हैं कि उनके स्कूल के लड़कों को माहवारी आती थी. इसके लिए दर्जनों लड़कों के खाते में सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना का लाभ का पैसा पहुंचा.
यह मामला छपरा के एक सरकारी विद्यालय का है. इस विद्यालय में लड़कियों के लिए चलाई जा रही सैनिटरी नैपकिन और पोशाक योजना का लाभ दर्जनों लड़कों ने प्राप्त किया है. मांझी प्रखंड के हलखोरी साह उच्च विद्यालय में इस घोटाले का खुलासा तब हुआ, जब यहां के प्रधानाध्यापक सेवानिवृत्त हो गए और दूसरे शिक्षक ने यह पदभार ग्रहण किया. नए प्रधानाध्यापक से जब पुरानी योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया तो लगभग एक करोड़ की योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं होने के कारण नव पदस्थापित प्रधानाध्यापक ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की.

इस जांच के क्रम में उन्होंने बैंक स्टेटमेंट खंगाली तो पता चला कि लड़कियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का पैसा लड़कों के खाते में ट्रांसफर किया जाता रहा है. अब इस तरह की वित्तीय अनियमितताओं को लेकर नव पदस्थापित प्रधानाध्यापक रईस उल एहरार खान ने डीएम को पत्र लिखा है. इस पत्र के आते ही विभाग में हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है.
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