5 बहनों में दूसरे स्थान की बहन शुभ्रा ने इसके पहले भी यूपीएससी की परीक्षा में 308वी रैंक हासिल किया था और फिलहाल जयपुर में इंडियन पोस्ट्स एंड टेलीकॉम फिनांस सर्विस में बतौर अधिकारी पदस्थापित हैं। इस बार औरंगाबाद की शुभ्रा को यूपीएससी की परीक्षा में 197वी रैंक मिली है।
बिहार के औरंगाबाद की शुभ्रा ने यूपीएससी की परीक्षा में 197वीं रैंक लाकर न सिर्फ अपने मां-बाप, बल्कि औरंगाबाद जिले का नाम पूरे देश में रोशन कर दिया।
शुभ्रा के पिता अरूंजय शर्मा एक किसान हैं, वहीं उनकी मां रेणु देवी एक गृहणी। बावजूद अपनी बेटियों को पढ़ाने-लिखाने में उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ रखी है।
संसाधनों की कमी सफलता की राह में बाधक नहीं
शुभ्रा ने भी इनका मान रखा है और पहली बार नहीं शुभ्रा ने दूसरी बार भी यूपीएससी की परीक्षा पास कर यह साबित कर दिखाया है कि कुछ कर गुजरने की इच्छाशक्ति यदि दृढ़ हो तो संसाधनों की कमी सफलता की राह में कभी बाधक नहीं बनती है।
5 बहनों में दूसरे स्थान की बहन शुभ्रा ने इसके पहले भी यूपीएससी की परीक्षा में 308वीं रैंक हासिल की थी और फिलहाल जयपुर में इंडियन पोस्ट्स एंड टेलीकॉम फिनांस सर्विस में बतौर अधिकारी पदस्थापित हैं।
आईआईटी की परीक्षा भी पास की थी शुभ्रा
शुभ्रा ने पहली बार में आईआईटी की परीक्षा भी पास की थी, मगर अच्छी रैंक नहीं आने की वजह से मनचाहा ट्रेड नहीं मिल पाया। इसी वजह से वे इंजीनियरिंग की पढ़ाई नहीं कर सकीं।
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बाद में उन्होंने पॉलिटिकल साइंस को आगे की पढ़ाई का अपना विषय चुनते हुए, उसमें एमए और फिर पीएचडी भी की। इसी बीच यूपीएससी में चयनित हो गईं और वे जयपुर में भारतीय डाक सेवा में बतौर वरिष्ठ अधिकारी अपनी सेवा देने लगीं।
मगर उनकी इच्छा विदेश सेवा में जाने की थी, जिसे उन्होंने आखिरकार हासिल कर ही लिया। उनकी इस उपलब्धि से उसका परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा औरंगाबाद खुश है और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना कर रहा है।