PATNA- बिहार की राजनीति में कुछ बड़ा होने वाला है। क्या होगा कुछ कहा नहीं जा सकता। जिस तरह से आनन फानन में सीएम नीतीश कुमार ने जदयू कोटे के मंत्रियों का हाई लेवल मीटिंग बुलाया उससे इतना तो साफ है कि जो होगा कुछ बड़ा ही होगा। उधर बैठक शुरू होने के बाद से बाहर छन—छनकर खबर सामने आ रही है। बताया जाता है कि नीतीश कुमार ने सभी विधायकों को देर रात पटना पहुंचने का आदेश दिया है। हालांकि एक बात दिलचस्प है कि इस बैठक में अभी तक मोदी सरकार के मंत्री और जदयू के राज्य सभा सांसद आरसीपी सांसद अभी तक नहीं पहुंचे हैं।
दूसरी ओर बिहार से संचालित होने वाली वेब पोर्टल फस्ट बिहार ने दावा किया है कि बिहार में राजद और जदयू की सरकार बनने वाली थी। अंदर खाने में जो डील चल रही थी उसकी भनक भाजपा को चल गई इस कारण सीबीआई की ओर से लालू आवास पर छापेमारी की जा रही है। पोर्टल लिखता है कि शुक्रवार की सुबह लालू प्रसाद यादव और उनके परिजनों के ठिकानों पर CBI की रेड ने क्या बिहार में बडे सियासी उलटफेर के प्लान के फेल कर दिया है? सीबीआई की रेड के बाद राजद के प्रमुख नेता जो बोल रहे हैं उससे तो ऐसा ही लग रहा है। राजद नेताओं के बयानों का निहितार्थ यही है कि नीतीश ने पलटी मारने की पूरी तैयारी कर ली थी लेकिन ये बात बीजेपी तक पहुँच गयी। उसके बाद ही सीबीआई रेड की पटकथा तैयार हुई।
सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या नीतीश पलटी मारने की सारी तैयारी कर चुके थे, जिसकी भनक बीजेपी को लग गयी थी। इस सवाल का जवाब राजद नेता मनोज झा के बयान में तलाश करिये। मनोज झा फ़िलहाल तेजस्वी यादव के साथ लंदन में हैं। सीबीआई छापे के बाद मनोज झा का बयान आया है। मनोज झा का बयान देखिये- जब जब बीजेपी को लगता है कि उसकी सरकार हिल रही है, उसके ख़िलाफ़ गोलबंदी हो रही है, तब तब वह डराने की कोशिश करती है। एक के माध्यम से दूसरे को लेकिन कोई नहीं डरेगा। न हम, न वो और न बिहार की जनता।