---Advertisement---

बहुत जल्द बढ़ने वाला है पेट्रोल-डीजल की कीमत, तेल कंपनियां ले सकती है बड़ा फैसला

GIRISH MALVIYA– जैसे ही पाँच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होंगे एक बार फिर से पेट्रोल डीजल के भाव बेतहाशा बढ़ने शुरू हो जाएंगे,……पेट्रोल डीजल के दामों में 4 नवंबर 2021 के बाद से कोई बदलाव नहीं किया है. वैसे तो सरकारी तेल कंपनियां रोज पेट्रोल डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं लेकिन राज्यों में बीजेपी सरकार के प्रति जनता में बढ़ते हुए रोष को देखते हुए इस मूल्यवृद्धि को मोदी सरकार ने रोका हुआ है.

मोदी सरकार में यह ढर्रा बन चुका है कि राज्यो में होने वाले चुनाव के पहले पेट्रोल डीजल के दामो का बढ़ना रोक दिया जाता है और जैसे ही चुनाव खत्म होते दाम में रोज वृद्धि की जाती है. इस बार तो स्थिति बहुत बुरी है तेल कम्पनियां रेट बढ़ाने के लिए कसमसा रही है पिछले 50 दिनों में 20 डॉलर प्रति बैरल कच्चा तेल महंगा हो चुका है. सूत्रों का कहना है कि सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम बढ़ाने होंगे……लेकिन सिर्फ तेल कंपनियां ही प्राइज नही बढाएंगी केंद्र में बैठी मोदी सरकार भी एक्साइज ड्यूटी फिर से बढाने जा रही है, इसके लिए अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने के लिए केंद्रीय बजट की योजनाओं पर बढ़ते खर्च का बहाना बनाया जा रहा है.

मोदी सरकार ने नवंबर में पैट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाई थी लेकिन अब अर्थशास्त्रियों का कहना है कि ड्यूटी में यह कमी महामारी के पहले की स्थिति की तुलना में काफी कम थी। अब जबकि सरकार बजट की योजना बनाने में जुटी है, ऐसे में ड्यूटी को फिर से बहाल करना चाहिए.

वैसे भी सरकार के पास आमदनी के अन्य स्त्रोत पहले से ही सीमित हो गए हैं क्योंकि पिछले सात सालों से अर्थव्यवस्था को लेकर मोदी सरकार लगातार गलत फैसले लेती आई है इसके कारण पेट्रोल डीजल पर एक्साइज ड्यूटी ही आमदनी का एकमात्र रास्ता बचा है