गंगा किनारे अब होगी ऑर्गेनिक खेती-MSP का भुगतान सीधे किसानों के खाते में किया जाएगा. गंगा के किनारों के 5 किमी. के दायरे में आने वाली जमीन पर ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा. खेती की जमीन के दस्तावेजों का डिजिटलीकरण होगा. राज्यों को एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के सिलेबस बदलने को कहा जाएगा, ताकि खेती की लागत को कम किया जा सके. फलों और सब्जियों की उन्नत किस्म अपनाने वाले किसानों की मदद के लिए राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे किसानों को डिजिटल सर्विस मिलेगी, जिसमें दस्तावेज, खाद, बीज, दवाई से संबंधित सेवाएं शामिल हैं.
गंगा किनारे वाला बिहार का शहर : बाढ़, हाजीपुर, सोनपुर, मोकामा, बख्तियारपुर, तेघरा, मनेर, बड़हिया, मनिहारी, बक्सर, नौगछिया, दानापुर, दिघवारा, जमालपुर, मुंगेर, बेगूसराय, भागलपुर, पटना, छपरा, सुल्तानगंज, खगड़िया, कहलगांव, बेगूसराय, हाजीपुर, मोकामा, सुल्तानगंज, नौगछिया, बाढ़, सोनपुर, छपरा,

किसान पारंपरिक खेती को छोड़ व्यवसायिक खेती की ओर उन्मुख हुए हैं। उन्हें कृषि से आमदनी दोगुनी करने के गुर सिखाए जा रहे हैं। मिश्रित खेती इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। कृषि विज्ञान केंद्र की ओर से समय-समय पर किसानों को प्रशिक्षण दिया जाता है। किसान कृषि विज्ञानी से सलाह लेकर खेती करें, तो और अच्छा। डा. अनिता कुमारी, प्रधान, कृषि विज्ञान केंद्र, खगड़िया।
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