श्रद्धा हत्याकांड में आरोपी आफताब के कबूलनामे के बाद पुलिस अब सबूतों की तलाश में जुट गई है. शव के टुकड़ों को आफताब ने कहा-कहां ठिकाने लगाया था? ये जानने के लिए पुलिस उसे लेकर जंगलो में जा रही है. पुलिस के मुताबिक, आफताब ने हत्या का जुर्म कबूल कर लिया है. हालांकि आफताब से मीडिया ने सवाल पूछे लेकिन वह चुप्पी साधे रहा.
इस बीच पुलिस ने आफताब और श्रद्धा दोनों के कॉमन दोस्त के साथ भी पूछताछ की है. पुलिस के मुताबिक, सिर्फ अंग्रेज़ी में बात कर रहा आफताब ‘Yes i killed her’ कहकर श्रद्धा के कत्ल का इकरार कर रहा है. मगर अब तक की पूछताछ और जांच में एक बेहद चौंकाने वाल खुलासा हुआ है.
18 मई को हत्या, तीन महीने से ठिकाने लगाता रहा शव
पुलिस के मुताबिक, 18 मई को ही आफताब ने गला दबाकर श्रद्धा की हत्या कर दी थी. अगले तीन महीने तक वो धीरे-धीरे शव के टुकड़े ठिकाने लगाता रहा. आरोप है कि श्रद्धा की हत्या के दो महीने बाद वो इतना बेफिक्र हो गया कि एक बार फिर से डेटिंग ऐप पर एक्टिव हो गया. यहां उसकी दोस्ती एक लड़की से हुई.
हत्या के बाद आफताब ने नई गर्लफ्रेंड बना ली
जून और जुलाई के महीने में जब घर में श्रद्धा के शव के कुछ टुकड़े अभी पड़े ही थे, तब उसने अपनी नई गर्लफ्रेंड को अपने घर बुलाया. घर में श्रद्धा की लाश के बचे हुए टुकड़े थे और कमरे में नई गर्लफ्रेंड. उसे न अपने जुर्म का पछतावा था और न कानून का डर.
छाती पर बैठा और गला दबा दिया
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हत्या वाले दिन क्या हुआ? इस बारे में भी पुलिस के हवाले से रोंगटे खड़ी करने वाली जानकारी मिली है. 18 मई को श्रद्धा और आफताब के बीच शादी करने को लेकर झगड़ा हुआ. कथित तौर पर झगड़े के दौरान श्रद्धा की छाती पर बैठ गया और उसका गला दबा दिया, हत्या करने के बाद उसने श्रद्धा की लाश को सबसे पहले बाथरूम में रख दिया और फिर इंटरनेट पर उसे ठिकाने लगाने के लिए सर्च किया.
अगले दिन इलेक्ट्रिक की आरी लेकर आया और शरीर के कई टुकड़े किए. श्रद्धा के और अपने खून से सने कपड़े कूड़ा उठाने वाली वैन में डाल दिए. आफताब ने श्रद्धा के कई बॉडी पार्ट्स को छुपा कर कबर्ड में, किचन में और फ्रिज में रख दिए. इसके बाद उसने इंटरनेट पर सबूत मिटाने को लेकर सर्च किया.
शेफ की ट्रेनिंग ले चुका था आफताब
जानकारी के मुताबिक, बाजार से सल्फर हाइपोक्लोरिक एसिड खरीद कर लाया. इससे उसने फर्श को धोया ताकि फोरेंसिक जांच के दौरान DNA सैंपल ना मिले. पुलिस के मुताबिक, आफताब में शेफ की ट्रेनिंग ली थी. हत्या के अगले दो दिनों तक वो शव के टुकड़े करता रहा. अगले तीन महीने तक उन्हें ठिकाने लगाने के साथ ही उसने श्रद्धा के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भी अपडेट किया ताकि किसी को शक न हो. श्रद्धा अपने सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती थी.
आफताब सोशल मीडिया पर श्रद्धा बनकर ऐप और उसके दोस्तों के साथ 9 जून तक चैटिंग करता रहा. इन शातिराना तरीकों से ही उसने पुलिस को 6 महीने तक चकमा दिया. मगर उस दिन जब पुलिस ने उसके दरवाजे पर दस्तक दी और उसका सामना सबूतों से कराया तो उसकी सारी चालाकी हवा हो गई.