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पिंडदान करने गया आए है तो ये खबर आपके लिए, फ्री में रुकने से लेकर होटल और किराए की पूरी जानकारी

मैं गया रेलवे स्टेशन पहुंच गया, फिर क्या करूं? होटल में रुकने का क्या है किराया? होटल में रूम नहीं मिले तो क्या करे? क्या होती है 17 दिन की पूजा? आपके मन में उठ रहे हर सवाल का Next Bihar जवाब देगा।

कोरोना में 2 साल से पिंडदान के लिए बंद गया जी फिर तैयार है। यहां 9 सितंबर यानी कल से पितृ पक्ष श्राद्ध शुरू होने जा रहा है, जो 26 सितंबर तक चलेगा। गया जी पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध करने के लिए आ रहे हैं तो बेफिक्र हो कर आएं।

यहां ठहरने और पूजा-पाठ की सभी सुविधाएं बजट में हैं। कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। इस संबंध में आपके मन में उठ रहे हर सवाल का Next Bihar जवाब देगा।

Pitru Paksha Mela will run from 9 to 29 September
9 से 29 सितम्बर तक चलेगा पितृपक्ष मेला

मैं गया रेलवे स्टेशन पहुंच गया, फिर क्या करूं?

आप गया स्टेशन के मुख्य द्वार से बाहर निकलें। वहां MAY I HELP YOU काउंटर मिलेगा। वहां संपर्क करें और क्वेरी कर तमाम जानकारी लेकर आश्वस्त हो जाएं। स्टेशन परिसर में जिला सूचना विभाग का काउंटर है। यहां भी संपर्क करें।

यहां आपको मुफ्त में एक बुकलेट दी जाएगी। उस पर सभी आवश्यक फोन नंबर मिलेंगे। बुकलेट पर पुलिस के तमाम अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग, ट्रैफिक पुलिस, कंट्रोल रूम का नंबर मिलेगा। होटल, धर्मशाला के भी नंबर मिलेंगे।

जब पंडा संपर्क करें तो क्या करूं?

स्टेशन परिसर में आपको कोई पंडा या ब्राह्मण मिले और पिंडदान कराने की बात कहे तो उससे आप जिला प्रशासन की ओर से जारी ID कार्ड जरूर मांगे।

यदि उसके पास ID कार्ड है तो ही आप अपनी क्वेरी उसके सामने रखें और पिंडदान के लिए आगे बढ़ें। यदि तब भी कोई दुविधा है या ठगी की बात मन में आ रही है तो हर जगह पुलिस बल के काउंटर हैं। तत्काल संपर्क करें। हर संभव मदद की जाएगी।

Pitrupaksha fair is being held after two years of Corona period
कोरोना काल के दो साल बाद हो रहा है पितृपक्ष मेला

गया के DM त्यागराजन का कहना है कि बेहिचक होकर आइए, हम आपकी सेवा के लिए तत्पर हैं। कहीं कोई दिक्कत होती है तो तत्काल प्रभाव से दिन हो या रात कभी भी अधिकारियों के दिए गए नंबर पर संपर्क करें। हर सुविधा आपके पास पहुंचेगी। बुकलेट जरूर अपने पास रखें।

यदि स्टेशन पर कोई जानकारी न मिले तो

आप यदि किसी वजह से स्टेशन पर ‘मे आई हेल्प यू’ काउंटर या फिर सूचना विभाग के काउंटर पर संपर्क नहीं कर सके तो कोई बात नहीं। आप स्टेशन से ऑटो, टैक्सी पकड़ कर विष्णुपद मंदिर चले आएं।

ऑटो वाला एक आदमी का किराया 20 रुपए लेगा। विष्णुपद मंदिर के बाहर ही संवास सदन समिति हैं। यहां सरकारी अधिकारियों और कर्मियों के समक्ष अपनी बातें रखें। वह आपको गाइड कर देंगे।

होटल में रुकने का क्या है किराया?

यदि आप होटल में रहना चाहते हैं तो स्टेशन के पास कई होटल हैं। वे महंगे भी हैं और साधारण भी। बोधगया में ठहरना चाहते हैं वहां भी कई होटल हैं।

चूंकि पितृपक्ष चल रहा है तो इस समय सभी के भाव चढ़े हुए हैं। फिर भी 2000 से लेकर 4500 के बीच अच्छे और लग्जरी होटल मिल जाएंगे। इसके अलावा विष्णुपद के आसपास भी कई होटलों की सुविधा है।

होटल में रूम नहीं मिले तो क्या करे?

यह तो हुई होटल की बात, लेकिन आप होटल में नहीं रहना चाहते हैं। तो कोई बात नहीं आपके लिए जिला प्रशाासन की ओर से टेंट सिटी की भी व्यवस्था की गई थी। टेंट सिटी के अलावा स्कूलों में भी तीर्थयात्रियों को ठहराने की व्यवस्था की गई है। यह पूरी तरह से नि:शुल्क है।

अगर 17 दिन रुकना है तो क्या करें

All arrangements have been made by the district administration, you should reach Gaya for Pind Daan.
जिला प्रशासन की ओर से तमाम व्यवस्था की गई हैं, आप पिंड दान के लिए गया पहुंचिए

रेलवे स्टेशन के ‘मे आई हेल्प यू’ या फिर विष्णुपद मंदिर के समक्ष संवास सदन समिति इस काम में आपकी मदद करेगी। यहां तक कि इन जगहों पर ठहरने के साथ ही सरकारी दर पर राशन भी उपलब्ध कराए जाएंगे। छोटा गैस चूल्हा भी मिलेगा, लेकिन इस गैस चूल्हे का शुल्क आपको दुकानदार को देना होगा। गैस सस्ती दर पर ही मिलेगी।

अगर कोई व्यवस्था न हो तो…

आप न होटल में ठहरना चाहते और न ही जिला प्रशासन की ओर से की गई व्यवस्था का लाभ उठाना चाहते हैं तो कोई बात नहीं।

जिस पंडा से आपका संपर्क हुआ है वह भी अपने घरों में या फिर धर्मशाला में आपको ठहराएगा। वह आपके खाने-पीने की भी व्यवस्था भी करेगा। यह सारा काम पंडा या तो खुद या फिर उनके कर्मचारी आपके साथ रह कर कराएंगे।

पिंडदान में कितना खर्च होगा?

अब पिंडदान में कितना खर्च होगा, यह सबसे बड़ा सवाल है। तो चलिए इस शंका को भी दूर कर देते हैं। सबसे पहले आप यह तय करें कि आपको पूजा-पाठ एक दिन में या फिर तीन दिन में या फिर 17 दिनों में संपन्न करानी है।

एक दिन में संपन्न करानी है तो 5,000-10,000 रुपए खर्च होंगे। इसी हिसाब से तीन दिन और फिर 17 दिनों में खर्च होगा। इसमें दान के सामान भी जुड़े हैं। लेकिन यह निर्भर करता है पिंडदान करने वालों के ऊपर।

विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष का शंभूलाल बिठ्‌ठल का कहना है कि यहां 500 रुपए से लेकर एक लाख रुपए देने वालों का भी काम किया जाता है।

हर जगह का ऑटो किराया तय

स्टेशन के बाहर और विष्णुपद मंदिर के पास ऑटो टैक्सी स्टैंड के पास बड़ा साइन बोर्ड लगा है। आपको किस जगह से कहां जाना है वहां का किराया लिखा हुआ है। आप उसके अनुसार दें। जल्दबाजी में कोई काम न करें।

प्री पेड ऑटो व टैक्सी की भी व्यवस्था रेलवे स्टेशन पर है। साथ ही रिंग बस सेवा भी आपके लिए उपलब्ध है। यहां तक कि फ्री में ई रिक्शा भी आपकी सेवा के लिए है। बस आपको स्टेशन पर लगे परिवहन विभाग के काउंटर से संपर्क करना होगा।

रिश्तेदार अपने घर नहीं ले जाते, जानिए कारण

खास बात यह भी जान लें कि आपके यदि जानने वाले गया में हैं तो वह आपकी हर संभव मदद करेंगे, लेकिन वह आपको अपने घर में नहीं ठहराएंगे। क्योंकि आप पिंडदान, श्राद्ध तर्पण करने आ रहे हैं।

ऐसे में संबंधित परिवार को कोई अपने घर नहीं ले जाता है और न ही उससे कोई लेन-देन या आदान-प्रदान करता है। यह पौराणिक परंपरा के तहत वर्जित है। इसलिए आपके रिश्तेदार या फिर परिचित आपको अपने घर नहीं ले जाते हैं तो दिल पर न लें।

क्या होती है 17 दिन की पिंडदान पूजा?

अब आपके मन में चल रहा होगा कि एक दिन और तीन दिन या फिर 17 दिन की पूजा क्या है। गया में 17 दिनों का पिंडदान शहर व उसके आसपास स्थित 54 वेदियों पर कराया जाता है। हर वेदी का अलग-अलग धार्मिक महत्व है।

विष्णुपद मंदिर प्रबंधकारिणी समिति के अध्यक्ष शंभूलाल विट्ठल का कहना है कि 54 वेदियों पर पिंडदान कराने से सभी तरह के दोष, पाप व बाधाएं दूर होती हैं।

विट्ठल का कहना है कि लोगों के पास समय की कमी को देखते हुए पिंडदान की प्रक्रिया को 3 दिन और 1 दिन में भी समेटने की व्यवस्था की गई है।

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