छोटो-छोटे बच्चों से राजधानी पटना की महावीर मंदिर में हनुमानी और लॉकेट कटवाने वाले शातिर खून के सौदागर निकले। पुलिस ने आरोपियों के अड्डे से 41 यूनिट खून जब्त किया है। पुलिस के हत्थे चढ़े खून के सौदागरों की सांठगांठ दर्जनों दलालों से रही है। शातिरों के कब्जे से बरामद मोबाइल में दर्जनों दलालों के नंबर मिले हैं। पुलिस को पता चला है कि खून के सौदागरों ने पटना, जमुई, वैशाली समेत बिहार के कई जिलों में अपना मजबूत नेटवर्क खड़ा कर लिया था। पिछले चार साल से पत्रकारनगर के हनुमान नगर में किराए का फ्लैट लेकर ये शातिर काले खून का कारोबार कर मोटी कमाई कर रहे थे।
हालांकि, यह पहला मौका नहीं है जब काले खून के कारोबार का मामला उजागर हुआ है। एक साल पहले भी खून के काले कारोबार का खुलासा पटना में हुआ था। इसके तार पीएमसीएच के ब्लड बैंक में तैनात रहे तीन कर्मियों और दलालों से जुड़े पाए गए थे। जांच के बाद संबंधित तीनों कर्मियों को ब्लड बैंक से हटा दिया गया था।
मिलावटी ब्लड चढ़ने से हो गई थी मां की मौत
पीएमसीएच के ब्लड बैंक के कर्मचारियों और दलालों के जिस नेटवर्क का खुलासा हुआ था, उसमें ब्लड बैंक से ऑपरेट हो रहे गुड्डू नाम के एक दलाल ने 15 यूनिट खून 60 हजार में बेचा था। टाटा वार्ड में मां का इलाज करा रहे भोजपुर के अनूप कुमार के साथ हुए इस धंधे का खुलासा करने के बाद ही हड़कंप मच गया था।
सम्बंधित ख़बरें





अनूप ने बताया था कि डॉक्टर की डिमांड के बाद भी ब्लड बैंक से उन्हें खून नहीं दिया गया था। ब्लड बैंक के काउंटर नंबर एक से उसे दलाल के पास भेज दिया गया। दलाल ने कई बार नगद पैसा लिया और ऑनलाइन ट्रांजैक्शन भी कराया है, जिसका अनूप के पास पूरा रिकॉर्ड भी था। 60 हजार में 15 यूनिट खून खरीदने के बाद भी मरीज की मौत हो गई थी।