बिहार में पिछले कुछ वर्षों से सड़क निर्माण के क्षेत्र में बढ़ चढ़कर अलग-अलग योजनाएं एवं सड़कों के निर्माण किए जा रहे हैं पर अब भी बिहार के कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां हाईवे, फोरलेन जैसे सड़क के ना होने से यहां की कनेक्टिविटी, ट्रांसपोर्टेशन एवं अन्य कई तरह की क्षेत्र में आवागमन की प्रक्रिया में अर्बन क्षेत्र से अपनी संबंध अच्छी तरह नहीं बना पा रही है वर्तमान में सरकार द्वारा बिहार के ऐसे गिने-चुने क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए उन पर अलग-अलग योजनाएं एवं गठन के द्वारा कार्य किये जा है इसी को देखते हुए वर्तमान में पटना एम्स से बिहार के बेतिया तक फोरलेन के निर्माण की योजना शुरू कर दी गई है।
आपको बता दूं कि पटना एम्स से बेतिया के बीच 167 किलोमीटर की दूरी है जिस में इस साल के अंत तक ऐनएच-139 डब्ल्यू फोरलेन सड़क निर्माण की शुरुआत की जानी है इस सड़क को पटना एम्स से शुरू कर सोनपुर (एनएच-19 बाइपास) होते हुए वैशाली-मानिकपुर-साहेबगंज-अरेराज होते हुए बेतिया (एनएच-727) में मिलाई जाएगी फिलहाल इस योजना की शुरुआत के लिए ज्यादातर भूमि अधिग्रहण कर लिए गए हैं जबकि अरेराज से बेतिया के बीच अभी अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है, इससे राज्य के पटना, सारण, वैशाली, मुजफ्फरपुर, पूर्वी और पश्चिम चंपारण जिलों को सीधा लाभ होगा।
इस योजना के सड़कों की निर्माण की बात की जाए तो 2023 तक जबकि इस मार्ग में पड़ने वाले जेपी सेतु के समांतर में फोरलेन पुल का निर्माण 2025 तक की संभावना रखी गई है वैसे इस फोरलेन सड़क का निर्माण कुल 5 चरणों में होगा जिसमे पहले चरण में पटना एम्स से बकरपुर (सोनपुर), दूसरे चरण में बकरपुर (सोनपुर) से मानिकपुर, तीसरे चरण में मानिकपुर से साहेबगंज, चौथे चरण में साहेबगंज से अरेराज और पांचवें चरण में अरेराज से बेतिया सड़क का निर्माण होगा. पांचवें चरण में अरेराज से बेतिया करीब 10 किमी सड़क पूर्वी चंपारण जिला और करीब 31 किमी सड़क पश्चिम चंपारण जिला अंतर्गत है।
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