PATNA- मुखिया भी वसूल सकेंगे टैक्स, मोबाइल टावर से हुई शुरुआत, दूसरे चरण में पेट्रोल पंप, गैस एजेंसी, कृषि हाट, दुकानों से भी टैक्स, पंचायताें को आत्मनिर्भर बनाने की कवायद, बिहार के 38 जिलों में लगेंगे 11 हजार मोबाइल टावर : बिहार में पंचायत चुनाव संपन्न होते ही नीतीश सरकार बड़ा फैसला लेने जा रही है। बताया जा रहा है कि नगर निगम और नगर परिषद की तरह पंचायती राज में मुखिया बने नेताओं को भी टैक्स वसूलने का अधिकार होगा। आसान भाषा में कहा जाए तो मुखियाजी अपन अपने पंचायत के अंदर लगने वाले मोबाइल टावर, दूकान, शॉपिंग मॉल, बस या टैक्सी स्टैंड से पैसा वसूल करेंगे और उसके विकास के लिए खर्च करेंगे।
दैनिक भास्कर अपनी रिपोर्ट में लिखता है कि गांवों की जमीन से वसूले गए 9.68 करोड़ राजस्व गांवों के विकास पर ही खर्च किये जाएंगे। नगर निकायों की तरह अब सरकार ने पंचायतों को भी आत्मनिर्भर बनाने का काम शुरु कर दिया है। सरकार पंचायतों को अपने पैरों पर खड़ा करने और स्थानीय स्वशासन की अवधारणा को जमीन पर उतारने के लिए कई तरह की कार्रवाई कर रही है। इसके तहत मुखिया टैक्स वसूलेंगे और अपनी पंचायत का विकास करेंगे। इसी कड़ी में गांवों में मोबाइल टावर लगाने के इच्छुक 9682 आवेदकों से टावर लगाने के लिए एनओसी (अनुमति शुल्क) देने के लिये प्रति टावर 10 हजार की रेट से 9.68 करोड़ वसूले गये हैं। चूंकि अभी ग्राम पंचायतों के पास टैक्स वसूलने का पूरा ढांचा खड़ा नहीं किया जा सका है। ऐसे में निकट के संबंधित नगर निकायों की मार्फत राजस्व वसूल उसे अब पंचायती राज विभाग की मार्फत गांवों के विकास में लगायी जाएगी।

वर्तमान में सरकारी अनुदान से होते हैं पंचायतों में सारे काम
फिलहाल पेयजल, कच्चे सड़कों की ब्रिक सोलिंग, आंगनबाड़ी केन्द्रों का निर्माण, नाला निर्माण, सड़कों-नालों-पोखरों-कुओं आदि की सफाई, मृत जानवरों एवं लावारिश शवों का निष्पादन, पुस्तकालयों के सुदृढ़ीकरण, सार्वजनिक स्थलों पर सोलर लाईट लगाने समेत विकास के सभी काम सरकारी अनुदान की बदौलत ही हो रहे हैं।
पंचायतों को टैक्स वसूली का अधिकार देने की कार्रवाई शुरूपंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि आर्थिक रुप से पंचायती राज संस्थाएं मजबूत हो, इसके लिए आने वाले समय में उनके क्षेत्र के अन्दर पडऩे वाले पेट्रोल पंप, मोबाइल टावर, गैस एजेंसी, कृषि हाट, दुकान आदि आर्थिक लाभ कमाने वाली अन्य संस्थाओं से टैक्स वसूलने का अधिकार पंचायतों को देने की तैयारी है।
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गांवों में टावर लगाने के लिये अब तक कुल 11132 आवेदन मिले जिसमें 968 आवेदन अस्वीकृत कर दिये गये हैं। 172 आवेदन सही नहीं पाये गये जबकि 310 आवेदन विचाराधीन हैं। इस तरह अब तक 9682 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं। बिहार मोबाइल टावर, ऑप्टिकल फाइबर केबल्स और संबंधित दूरसंचार अवसंरचना नियमावली 2020 के बनने के बाद गांवों से पहली बार राजस्व वसूलने की शुरुआत हुई जिसके तहत 9.68 करोड़ राजस्व की प्राप्ति हुई है।
पटना | मोबाइल नेटवर्क की वजह से होने वाली परेशानी को देखते हुए विभिन्न कंपनियों के टावर लगाने की तैयारी की जा रही है। बिहार के 38 जिले में 11 हजार से अधिक मोबाइल टावर लगाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए 14 हजार से अधिक लोगों ने आवेदन किया है। जिसमें 2782 आवेदनों को अस्वीकृत कर दिया है। हालांकि, 10666 आवेदनों में अग्निशमन, पर्यावरण सहित विभिन्न विभागों के एनओसी की जरूरत है। जिसे पूरा करने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसकी सूचना बेवसाइट के माध्यम से आवेदकों को दे दी गई है। इसके साथ ही 505 आवेदन की प्रक्रिया अभी लंबित है