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दुल्हन की तरह सजकर तैयार है मधुबनी का जयनगर स्टेशन, आज से भारत-नेपाल के बीच ट्रेन परिचालन शुरू

अब 40 मिनट में ही जयनगर से जनकपुर पहुंच जाएंगे यात्री, पहले के मुकाबले 3 घंटे समय की हाेगी बचत, नेपाल के जनकपुर में ट्रेन परिचालन पर विशेष कार्यक्रम : 8 साल बाद भारत और नेपाल के बीच ट्रेन सेवा शुरू होने से दोनों देशों के नागरिकों में जबरदस्त उत्साह है। अब लोग 40 मिनट में ही जयनगर से जनकपुर पहुंच जाएंगे और तीन घंटे तक समय की बचत होगी। वहीं, व्यपारियो में व्यापार विस्तार होने को लेकर भी काफी हर्ष है। बॉर्डर के दोनों तरफ उत्सव का माहौल है। बिहार के जयनगर ब्रॉडगेज रेलखंड से सीधे नेपाल के जुड़ जाने पर लोग हर्ष व्यक्त कर रहे हैं। पर्यटकों की संख्या में अब तेजी से इजाफा होगा। जयनगर नेपाली स्टेशन स्थित भारतीय कस्टम पॉइंट का पटना कस्टम के कमिश्नर रणविजय कुमार सुबह 9 बजे उद्घाटन करेंगे। यात्रियों को कस्टम से गुजरकर टिकट काउंटर पर जाना होगा। कस्टम पॉइंट पर यात्रियों के सामान की स्क्रीनिंग की जाएगी। जयनगर स्थित नेपाली स्टेशन और नेपाल के जनकपुर में उद्घाटन समारोह के लिए विशेष पंडाल की व्यवस्था की गई है। पर प्रोजेक्टर व एलईडी की व्यवस्था है ताकि उदघाट्न समारोह को आम लोग लाइव देखेंगे। जयनगर के नेपाली स्टेशन के प्लेटफॉर्म दो पर 12/16 का पंडाल बनाया गया है। उदघाट्न समारोह का सीधा प्रसारण यही से होगा। लोगों की सुविधा को लेकर हर तरह का प्रबंध किया गया है।

जयनगर स्थित नेपाली स्टेशन और नेपाल के जनकपुर में उद्घाटन समारोह को देखने के लिए प्रोजेक्टर व एलईडी की व्यवस्था की गई है। लोग पंडाल में बैठकर उद्घाटन समारोह को प्रोजेक्टर के माध्यम से लाइव देखेंगे। इस समारोह को लेकर जयनगर-जनकपुर रेलखंड पर रेलवे अाैर स्थानीय प्रशासन द्वारा सुरक्षा का पुख्ता इंतजाम किया गया है। जयनगर स्थित नेपाली स्टेशन के अलावा जयनगर से इनरवा तक 4 किमी रेलखंड पर भी सुरक्षा का इंतजाम किया गया है। एसएसबी ने डॉग स्क्वायर की मदद से रेलखंड की जांच पड़ताल की। एसएसबी 48वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर राम बाबू के नेतृत्व में एसएसबी जवान जयनगर स्टेशन से इनरवा बॉर्डर तक गए और ब्रॉडगेज रेलखंड का सुरक्षा के ख्याल से जांच की। उप कमांडेंट अनुज कुमार ने बताया कि बॉर्डर पर एसएसबी अलर्ट है। हर तरह की गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।

नैरो गेज लाइन पर 1952 से 2014 तक हुआ ट्रेन का परिचालन
नैरो गेज लाइन पर 1952 से 1980 तक कोयला इंजन और उसके बाद डीजल इंजन वाली ट्रेन का परिचालन हुआ। 1852 में अंग्रेजो ने नेपाल से साल और अन्य चीजों की लकड़ी धोने के लिए दोनों देशों के बीच सिंगल नैरो गेज पटरी बिछाई। देश की आजादी के पास यह यात्री ट्रेन में तब्दील हो गई। 1980 तक कोयला इंजन के सहारे ट्रेन चलती थी। इसके बाद 2014 तक इसी नैरो गेज पर डीजल इंजन से ट्रेन चलती थी और पहले ये ट्रेन तीन फेरी लगाती थी। वहीं, अब यह लाइन ब्रॉड गेज में बदल गई है। अब जयनगर से इनरवा बॉर्डर तक सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय अधिकारियों की रहेगी। जयनगर से मात्र चार किमी की दूरी पर बॉर्डर से सटे नेपाल का पहला स्टेशन इनरवा है। कस्टम के अलावा आरपीएफ और जीआरपी सुरक्षा को लेकर अलर्ट है। बॉर्डर पर तैनात एसएसबी भी सुरक्षा के ख्याल से मुस्तैद है। समस्तीपुर आरपीएफ के कमांडेंट एके लाल ने बताया कि आरपीएफ व आरपीएसफ के जवान मौजूद होंगे। एसडीएम बेबी कुमारी और डीएसपी विप्लव कुमार ने बताया कि उद्घाटन के दिन सुरक्षा की पुख्ता व्यवस्था कर ली गई है।

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