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दरभंगा: 10 साल की बच्ची की हत्या मामले में 13 साल बाद आया फैसला, 7 महिलाओं को उम्रकैद

बिहार के दरभंगा में व्यवहार न्यायालय ने 10 साल की बच्ची की हत्या में सात महिलाओं को दोषी माना. सभी सात महिलाओं को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. बुधवार को कोर्ट का यह फैसला 13 साल बाद आया है. कोर्ट के फैसले के बाद पीड़ित परिवार के वकील रेणु झा ने कहा कि सातों महिलाओं को कोर्ट ने दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई. उन्होंने कहा कि इन लोगों पर आरोप था कि उन्होंने दस वर्षीय बच्ची को पीट-पीटकर मौत की नींद सुला दी थी.

दरअसल, साल 2009 में हायाघाट प्रखंड के छतौना गांव निवासी योगेंद्र यादव और उनके पड़ोसी में रास्ते को लेकर विवाद चल रहा था. योगेंद्र यादव की बेटी राजबंती खाना लेकर अपने पिता के पास जा रही थी. इसी दौरान बच्ची को पड़ोसी की सात महिलाओं ने रोक दिया और बेरहमी से पिटाई कर डाली, जिससे वह अधमरा हो गई. आनन-फानन में बच्ची को अस्पताल में भर्ती करवाया गया, लेकिन इलाज के दौरान बच्ची ने दम तोड़ दिया. इसके बाद योगेंद्र यादव ने 7 महिलाएं- बुच्ची देवी, मुनर देवी, मनयोगिया देवी, सीता कुमारी, इंदु देवी, चघुरन देवी, भुखनी देवी पर बच्ची की हत्या का मामला दर्ज कराया. कोर्ट ने 13 साल बाद सातों महिला को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है.

पीड़ित परिवार के वकील रेणु झा ने कहा कि यह घटना वर्ष 2009 की है. लंबे वक्त के बाद पीड़ित परिवार को न्याय मिला है. हायाघाट निवासी योगेंद्र यादव और उनके पड़ोसी के बीच रास्ता को लेकर विवाद चल रहा था. उसी क्रम में योगेंद्र यादव की बेटी खाना लेकर जा रही थी और इन महिलाओं ने 10 वर्षीय बच्ची को पीट पीट कर अधमरा कर दिया. इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसी मामले में कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सातों महिला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

वकील रेणु झा कहा कि हमें बहुत खुशी हो रही है कि 10 वर्ष की नन्ही जान को इंसाफ दिलाने में हमें आज कामयाबी मिली है. बता दें कि दरभंगा व्यवहार न्यायालय में एक साथ सात महिलाओं को उम्रकैद कारावास की सजा इसके पूर्व कभी भी नहीं दी गई.

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