PATNA-डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर पर दौड़ेगा मधेपुरा में बना हाईस्पीड इंजन, इंजन पर मधेपुरा अंकित हो तो मधेपुरा को मिलेगी पहचान, 3360 किमी लंबा बन रहा दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर, 120 किमी प्रति घंटा है रफ्तार देश के इस सबसे ताकतवर इंजन की
हाजीपुर मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार बताते हैं कि डीएफसीसीआईएल 3360 किमी लंबे दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण करवा रही है। 1856 किमी का पूर्वी कॉरिडोर पंजाब के साहनेवाल से हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड होकर गुजरेगा और पश्चिम बंगाल के दानकुनी को जोड़ेगा। जो बिहार के कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद एवं गया तथा झारखंड के धनबाद, गिरीडीह, कोडरमा जिले से गुजरेगी।
एकड़ में फैले मधेपुरा रेल इंजन कारखाने में हर साल 120 इंजन बनाने की क्षमता है। इंजनों के निर्माण के लिए उपयोग किए जाने वाले 85% से अधिक पार्ट्स देश के अलग-अलग हिस्सों से मंगवाए जा रहे हैंc बोगी में 6000 टन वजन लेकर चलता है 12000 हॉर्स पावर का इंजन।
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‘मेक इन इंडिया‘ के तहत देश में नवीनतम तकनीक पर आधारित उच्च अश्वशक्ति इलेक्ट्रिक लोको निर्माण की दिशा में यह कारखाना मील का पत्थर साबित हो रहा है। पूर्व मध्य रेल सहित भारतीय रेल के लिए तब गौरव का पल बना जब 18 मई, 2020 को पूरी दुनिया में पहली बार, बड़ी रेल लाइन पर मधेपुरा इलेक्ट्रिक लोको फैक्ट्री लिमिटेड द्वारा निर्मित प्रथम शक्तिशाली विद्युत इंजन से पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन से धनबाद मंडल के बड़वाडीह तक 118 डिब्बों वाली मालगाड़ी का सफलतापूर्वक परिचालन किया गया।