झारखण्ड की रहनेवाली खुशबू अब बिहार में अधिकारी कहलाएगी। बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) के नतीजों में उसे 147वां रैंक हासिल हुआ है। अपनी सफलता का श्रेय………………..
झारखण्ड की राजधानी रांची में रहनेवाली खुशबू अब बिहार में अधिकारी कहलाएगी। बीते दिन जारी हुए बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन (बीपीएससी) के नतीजों में उसे 147वां रैंक हासिल हुआ है।
जिसके हिसाब से उसे सर्किल ऑफिसर का पद मिलने की उम्मीद है। राजधानी के विद्यानगर इलाके में रहनेवाली खुश्बू दो भाइयों के बीच इकलौती बेटी है। पिता आचार्य रवि शास्त्री पूजा-पाठ कराते हैं, जबकि मां होममेकर हैं।
दसवीं की परीक्षा में स्कूल की टॉपर
दसवीं की परीक्षा में 10 सीजीपीए लाकर खुश्बू अपने स्कूल की टॉपर रही थी। उसी तरह 12वीं की परीक्षा में भी उसने स्कूल में टॉप किया था। वहीं राजधानी के प्रतिष्ठित कॉलेज से बायो-टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएशन में भी उसे गोल्ड मेडल हासिल हुआ है।
मूलतः बिहार के औरंगाबाद जिले के रहनेवाले रवि शास्त्री 1984 में रांची शिफ्ट कर गये थे। उसके बाद सपरिवार वो यहीं रह रहे हैं।
बेटों और बेटियों में नहीं किया फर्क
उन्होंने बताया की कभी भी परिवार में बेटों और बेटियों में फर्क नहीं किया गया इसी का नतीजा है कि उनकी बेटी ने यह मुकाम हासिल किया है।
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वहीं अपनी सफलता का श्रेय अपने पिता, परिवार के सदस्यों और गुरुओं को देते हुए खुशबू ने कहा कि इससे पहले उसने संघ लोक सेवा की परीक्षा भी डी थी लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली।
बेटियां बोझ नहीं बल्कि असेट
उसने कहा कि उससे वो विचलित नहीं हुई और अपनी मेहनत जारी रखी उसका नतीजा है की बीपीएससी की परीक्षा क्लियर हुई। उसने कहा कि सकारात्मक सोच के साथ परीक्षा की तैयारी बहुत जरुरी होती है।
साथ ही उसने कहा कि उसकी सफलता से वैसे लोगों को समझना चाहिए की बेटियां बोझ नहीं होती बल्कि असेट होती हैं। उसके एक भाई आशुतोष सॉफ्टवेर इंजिनियर हैं और छोटा भाई अभिषेक एमबीए कर रहा है।