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जिस बक्सर की सीट से पूर्व DGP लड़ना चाहते थे वो अब पूर्व हवलदार के खाते में चली गयी

Gupteshwar Pandey: डीजीपी पद से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) लेकर राजनीति में आने वाले 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडेय पर उनके ही महकमे में 15 साल पूर्व सिपाही की नौकरी करने वाले परशुराम चतुर्वेदी भारी पड़ गये. बक्सर मुफस्सिल थाने के महदा गांव के रहने वाले परशुराम चतुर्वेदी ने 15 साल पूर्व ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी. चतुर्वेदी ने भाजपा किसान मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी में रहकर इलाके में अपनी पहचान बनायी है. प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य भी रहे.

भाजपा अपनी पारंपरिक सीट को छोड़ने को राजी नहीं हुई

दूसरी ओर अपने सेवा काल से पांच महीने पूर्व 22 सितंबर को वीआरएस लेने वाले गुप्तेश्वर पांडेय के बक्सर या शाहपुर विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनने के कयास लग रहे थे. पहले ऐसा लग रहा था कि इन दोनों सीटों में से कोई एक जदयू के खाते में जायेगी. लेकिन, भाजपा हर हाल में अपनी इन पारंपरिक सीटों को छोड़ने को राजी नहीं हुई.

भाजपा ने नामांकन की अंतिम तिथि के एक दिन पूर्व परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार घोषित किया

एक बार ऐसा लगा कि गुप्तेश्वर पांडेय को अब भाजपा की सदस्यता स्वीकार करनी होगी. लेकिन, भाजपा ने नामांकन की अंतिम तिथि के एक दिन पूर्व बक्सर की सीट से अपने तपे-तपाये कार्यकर्ता परशुराम चतुर्वेदी को उम्मीदवार घोषित कर दिया.

लोकसभा उपचुनाव में भी पूर्व डीजीपी के उम्मीदवार होने की चर्चा थी

वाल्मीकिनगर लोकसभा सीट के उपचुनाव में भी पूर्व डीजीपी के उम्मीदवार होने की चर्चा थी, पर बुधवार को जदयू ने वहां से पूर्व सांसद वैद्यनाथ महतो के बेटे सुनील कुमार को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. खास यह कि उनके साथ काम करने वाले डीजी पद से रिटायर हुए उनकी ही 1987 बैच के आइपीएस अधिकारी सुनील कुमार को जदयू ने भोरे सुरक्षित सीट से उम्मीदवार घोषित कर दिया.

गुप्तेश्वर पांडेय देश-दुनिया में चर्चित रहे

हाल के दिनों में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत के मौत मामले में अपनी सक्रियता के कारण गुप्तेश्वर पांडेय देश-दुनिया में चर्चित रहे हैं. श्री पांडेय एक बार पहले भी 2009 में वीआरएस लेने की कोशिश की थी. लेकिन, उनका आवेदन स्वीकृत नहीं हुआ और वह पुन: नौकरी में आ गये.

इस बार नहीं लड़ रहा विस चुनाव : गुप्तेश्वर

पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वह इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहे हैं. उन्होंने बुधवार की देर रात करीब 10:45 बजे फेसबुक पर पोस्ट कर कहा कि मैं अपने शुभचिंतकों के फोन से परेशान हू्ं. उनकी चिंता व परेशानी को भी समझता हूं.

मेरे सेवामुक्त होने के बाद सबको उम्मीद थी कि मैं चुनाव लड़ूंगा, लेकिन मैं इस बार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा. हताश-निराश होने की कोई बात नहीं है. धीरज रखें. मेरा जीवन संघर्ष में ही बीता है. मैं जीवन भर जनता की सेवा में रहूंगा. अपनी जन्मभूमि बक्सर की धरती व वहां के सभी जाति-मजहब के सभी बड़े-छोटे भाई-बहनों को पैर छूकर प्रणाम.

Input: PK

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