बिहार में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार इन दिनों निरंतर प्रयास कर रही है। हाल ही में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की खबर लाइमलाइट में थी अब लक्ष्मण झूला की तरह ही ब्रिज निर्माण करने की खबर चर्चा में है। योग नगरी ऋषिकेश में स्थित विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के तर्ज पर ही बिहार के जमुई में एक ब्रिज बनाया जाएगा। ब्रिज के निर्माण से क्षत्रियकुंड और लछुआड़ धर्मशाला की दूरी घटेगी। जानकारी के लिए बता दें कि बिहार का जमुई भगवान महावीर की जन्मस्थली रही है। इसलिए सरकार की कोशिश है कि जमुई को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।
जमुई अनुमंडल के अंचल सिकंदरा के लछुआड़ गांव में स्थित कुंडग्राम के क्षत्रियकुंड को माना जाता है। लछुआड़ को जैन सर्किट से संपर्क स्थापित करने के लिए भारत सरकार भी तैयारी में जुटी हुई है। यही कारण है कि ऋषिकेश में विश्व प्रसिद्ध लक्ष्मण झूला के तर्ज पर क्षत्रियकुंड गांव में ब्रिज बनाने की तैयारी जोरों पर है।
बता दें कि पुल निर्माण को लेकर पर्यटन विभाग की ओर से हरी झंडी भी मिल चुकी है। फिलहाल लछुआड़ धर्मशाला से क्षत्रियकुंड के लिए 17 किलोमीटर का दूरी तय करना होता है। पुल बन जाने के बाद या दूरी घटकर मात्र 10 किलोमीटर हो जाएगी। इलाके के लोगों को 7 किलोमीटर का ज्यादा चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।
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कहा जाता है कि अपने घर को छोड़ने के बाद भगवान महावीर क्षत्रियकुण्ड से निकल कर दिन ढलने से पहले ही कुमार गांव में रात में ठहरे थे। कुमार गांव में ही भगवान महावीर वस्त्र को त्याग कर ज्ञान अर्जित करने के लिए प्रस्थान कर गए थे। आज भी सरकारी सिलेबस में वैशाली के भगवान महावीर के जन्म स्थल के तौर पर बच्चों को पढ़ाया जाता है। जैन समुदाय के लोग जमुई के क्षत्रियकुंड को भगवान महावीर का जन्म स्थल मानते हैं। हर वर्ष हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।