कुछ वर्षों में बिहार में बिजली उत्पादन काफी बढ़ा है। सरकार लगातार बिजली उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने और इसे राजस्व को बढ़ाने में लगी है। इसी दिशा में अब एक नई योजना बनाई गई है। इसके तहत सूबे में अब सौर ऊर्जा और पनबिजली से हटकर दूसरे स्त्रातों को विकसित किया जा रहा है। इसके लिए शुगर मिल, चावल मिल, डिस्टिली और बायो फ्यूल्स से और बिजली पैदा करने की योजना बनी है। ऊर्जा विभाग ने इसकी पूरी योजना तैयार कर ली है। बता दें सूबे में गन्ने का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है। एथेनॉल का भी उत्पादन बढ़ना है। चावल मिलों से भी भूसी का उत्पादन बढ़ रहा है।

इसको ध्यान में रखकर सरकार ने नई योजना का प्रारूप तय किया है। यहां अपारंपरिक ऊर्जा के तहत सौर ऊर्जा एवं पनबिजली के सीमित स्त्रोत हैं। अब दूसरे विकल्पों को लेकर बिजली पैदा करने पर फोकस किया जा रहा है। बता दें केंद्र सरकार से बिहार के लिए हर साल अपारंपरिक ऊर्जा की खपत का टारगेट बढ़ रहा है। बीते छह साल में यह टारगेट तीन गुना बढ़ा है। इसमें आगे और बढ़ोतरी ही होने वाली है। केंद्र सरकार ने सौर ऊर्जा में बिहार सरकार का टारगेट पांच गुना बढ़ाया है। ऐसे में साफ है कि केंद्र सरकार को फोकस अब सौर ऊर्जा को लेकर ज्यादा है। ऊर्जा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक नई योजना के तहत सितंबर से बिजली उत्पादन शुरू किया जा सकता है।

रिन्यूबल एनर्जी की जरूरत
बिहार में रिन्यूबल एनर्जी की जरूरत बढ़ रही है। यह एनर्जी प्रदूषण रहित होता है। इसेस कार्बन का काफी कम उत्सर्जन होता है। यह पर्यावरण को सुरक्षित रखता है। आने वाले वर्षों में थर्मल पावर के लिए जरूरत के मुताबिक कायेला उपलब्ध होने में परेशानी आएगी, क्योंकि कोयले का भंडार सीमित है। फिलहाल सूबे में 2003 मेगावाट रिन्युबल एनर्जी की खपत है। इसमें 500 मेगावाट पवन ऊर्जा का हिस्सा है। वहीं, 138 मेगावाट सौर ऊर्जा का है। इसमें आगे और बढ़ोतरी की संभावना है।

रिन्यूबल एनर्जी का टारगेट
वित्तीय वर्ष——————-कुल टारगेट
2016-17——————–06.50 प्रतिशत
2017-18——————–07.75 प्रतिशत
2018-19——————–9.25 प्रतिशत
2019-20——————–11.50 प्रतिशत
2020-21——————–14.25 प्रतिशत
2021-22——————–17 प्रतिशत
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अपारंपरिक ऊर्जा में गैर सौर-पनबिजली ऊर्जा
बिहार में उपलब्धता————–112 मेगावाट
शुगर मिल——————–101 मेगावाट
चावल मिल——————–1 मेगावाट
डिस्टिलरी एवं बायो फ्यूल्स———10 मेगावाट
पनबिजली———————753 मेगावाट
सौर ऊर्जा——————–638 मेगावाट
पवन ऊर्जा——————–500 मेगावाट