गोपालगंज के बरहिमा पान में लगभग 30 मसालों का इस्तेमाल होता है जिनमें औषधीय गुण होते हैं। फायर और गोल्डन पान यहां की विशेषता है। 20 वर्षों से लोगों की जुबान पर मिठास ला रहा है। यह सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है।
बनारसी पान, मगही पान और बंगाली पत्ता पान के बारे में तो आपने खूब सुना होगा। मगर बिहार के गोपालगंज का ‘बरहिमा’ पान भी काफी फेमस है।
लोग यहां विशेषकर इसका स्वाद लेने पहुंचते हैं। इस पान में 30 प्रकार के मसालों का उपयोग होता है, जिनमें कई प्रकार के औषधीय गुण होते हैं।
अगर इसका स्वाद लेना है तो आपको गोपालगंज मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर बरहिमा चौक पर स्थित वीआइपी पान भंडार आना होगा। जिले का सबसे मशहूर पान दुकान है। यहां का फायर और गोल्डन पान काफी मशहूर है।
यह दुकान 20 साल से भी ज्यादा पुरानी है. यहां का पान काफी प्रसिद्ध है। दुकानदार अमरजीत ने बताया कि दुकान को तीसरी पीढ़ी चला रही है।
यहां गोपालगंज ही नहीं बल्कि आस पास के जिले जैसे- सीवान, छपरा, बेतिया और मोतिहारी के लोग पान खाने के लिए आते हैं। यहां हर तरह के पान मिलते हैं, पान दुकान का फेमस होने का कारण भी बनारसी पान का फ्लेवर आना है।
इन जिलों के लोग लेते हैं स्वाद
गोपालगंज, सीवान, छपरा, बेतिया और मोतिहारी जिला के आम लोगों के साथ-साथ अधिकारियों के भी पान यहां से भेजे जाते हैं।
विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता चाहे व सांसद हो या विधायक वह भी इस दुकान का पान शौक से खाते हैं. यहां की फायर पान काफी मशहूर है।
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मशहूर है यहां का फायर पान
दुकानदार अमरजीत ने बताया कि पान को बनाने के बाद फायर पान ड्रॉप डाल कर पान में आग लगा दी जाती है। जिसके बाद ग्राहकों को पान खिलाया जाता है।
यह देखने में आकर्षक तो लगता ही है, आग लगने के कारण यह अपने अलग स्वाद के लिए भी मशहूर है।
गोल्डन पान औषधीय गुणों भरपूर
यहां का गोल्डन पान मसालों के साथ केसर, कस्तूरी और गोल्ड के वर्क को लपेटकर इसको बनाया जाता है। वहीं, यह विशेष तरह का पान भी होता है, जो काफी महंगा भी होता है। यहां के गोल्डन पान के कद्रदान दूर-दूर के खिंचे चले आते हैं।
बता दें कि पान को औषधीय गुणों से भी भरपूर माना जाता है। प्राचीन काल के चिकित्सकों का मानना है कि पान गले को साफ रखता है, जिसके चलते मुंह से दुर्गंध भी नहीं आती है। हालांकि, इसके साथ जर्दा या गुटखा व तंबाकू का सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक होता है।