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गंगा नदी में स्‍नान नहीं करेंगे…. एनआइटी के छात्रों को देना होगा शपथ पत्र, इस वजह से लिया गया निर्णय

राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआइटी), पटना के छात्रों को पढ़ाई के दौरान गंगा में स्नान नहीं करने का शपथ पत्र स्वयं व अभिभावक से हस्ताक्षर कराने के बाद संस्थान में जमा करना होगा। 10 वर्षों में एनआइटी पटना के चार छात्रों की मौत गंगा में स्नान के दौरान डूबने से हो गई है। इसी साल 21 मई को आंध्रप्रदेश के छात्र की डूबकर मौत हो गई थी। इन घटनाओं को देखते हुए एनआइटी प्रबंधन ने नामांकन के समय इस तरह का शपथ पत्र लेने का निर्णय लिया है। एनआइटी पटना के निदेशक प्रो. पीके जैन ने बताया कि छात्रावास में रहने वाले छात्र बगैर सूचना के गंगा में स्नान करने चले जाते हैं। अप्रिय घटना को रोकने के लिए यह निर्णय लिया गया है।एनआइटी के आसपास के घाट हैं खतरनाक भूगोलवेत्ता प्रो. रास बिहारी प्रसाद सिंह ने बताया कि एनआइटी कैंपस के आसपास स्थित कृष्णा घाट, गांधी घाट, रानी घाट पर गंगा का तेज बहाव रहता है। इन घाटों पर चंद फीट की दूरी में ही जलस्तर आठ से 10 फीट बढ़ जाता है। दो-तीन सीढ़ी उतरते ही तेज धार की चपेट में लोग आ जाते हैं। जो तैरना नहीं जानते, उनके लिए इन घाटों पर स्नान खतरनाक साबित होता है। वहीं, आपदा प्रबंधन विभाग के आंकड़े के अनुसार राजधानी में गंगा में डूबकर मरने वालों में एक-तिहाई संख्या इन्हीं घाटों पर स्नान करने वालों की होती है।

2024 में बिहटा में बन जाएगा नया कैंपस

एनआइटी का नया कैंपस बिहटा में मई, 2024 तक तैयार हो जाएगा। 550 करोड़ की लागत से लगभग 125 एकड़ में नया कैंपस बन रहा है। जुलाई में प्रधानमंत्री या केंद्रीय शिक्षा मंत्री के हाथों इसका शिलान्यास संभावित है। नया कैंपस बनने के बाद पटना में केवल पहले वर्ष के छात्र तथा सिविल व आर्किटेक्चर कोर्स के छात्रों की पढ़ाई होगी। शेष बच्चों की पढ़ाई बिहटा कैंपस में होगी।

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