66 वीं बीपीएससी में नालंदा के एक किसान के बेटे अंकित कुमार ने दूसरा स्थान हासिल किया है. अंकित ने प्रभात खबर को बताया कि उनके पिता मध्यम दर्जे के किसान है और आज भी पूरी तरह खेती पर निर्भर हैं. उनकी आरंभिक शिक्षा दीक्षा गांव के स्कूल में ही हुई. आगे छठवीं क्लास से उन्हें पढ़ने के लिए बेंगलुरू के मिलिट्री स्कूल में भेज दिया गया. वहां के बाद आइआइटी गुवाहाटी से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और 2016 में बीटेक करने के बाद से बीपीएससी की तैयारी में जुट गया. यह उनका तीसरा चांस था.
मित्रों ने भी की थी मदद
पिछले प्रयास में तो वह मुख्य परीक्षा में सफल नहीं हो पाये थे, लेकिन इसमें सब कुछ उनके मनमाफिक रहा और वे परीक्षा में दूसरा स्थान प्राप्त करने में सफल रहे. बिहार पुलिस सेवा उनका पहला च्वाइस था और वे डीएसपी पद के लिए चयनित हो गये हैं. अपनी सफलता का पूरा श्रेय अंकित अपने पिता और पूरे परिवार को देते हैं. उनके मित्राें ने भी तैयारी में उनकी पूरी मदद की. बीपीएससी की तैयारी करने वाले सभी छात्राें को वे धैर्य बनाये रखने और लगातार योजनाबद्ध ढंंग से तैयारी जारी रखने का सुझाव देते हैं. ऐसा करने पर देर या सवेर सफलता जरूर मिलती है.
टॉप टेन में सात इंजीनियर
66 वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में इस बार मानविकी विषय के छात्राें की बजाय इंजीनियरिंग बैकग्राउंड के छात्रों का दबदबा रहा है. टॉप करने वाला सुधीर जहां आइआइटी दिल्ली का छात्र है वहीं द्वितीय स्थान प्राप्त अंकित कुमार, छठा स्थान प्राप्त मोनिका कुमारी, आठवें स्थान प्राप्त सदानंद कुमार और नवें स्थान प्राप्त आयुष कृष्ण आइआइटी गुवाहाटी से हैं. पांचवा स्थान प्राप्त सिद्धांत कुमार ने कोच्चि से इलेक्ट्रॉनिक कम्युनिकशन में बीटेक की डिग्री ली है जबकि चौथा स्थान प्राप्त अंकित सिन्हा ने एनआइटी जमशेदपुर से इंजीनियरिंग की है. इसप्रकार टॉप टेन में सात इंजीनियर और उनमें से पांच आइआइटी के हैं. इनमें से चार तो केवल एक संस्थान आइआइटी गुवाहाटी से हैं.