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कल कंडोम भी देना पड़ेगा? छात्रा की सैनेटरी पैड की मांग पर IAS अधिकारी का अजीब जवाब

छात्राओं ने सैनिटरी नैपकिन नहीं मिलने का सवाल उठाया तो महिला आइएएस अधिकारी ने अमर्यादित तरीके से जवाब देते हुए यहां तक कह दिया कि आज सरकार से 20-30 रुपये के सैनिटरी पैड की मांग है। परिवार नियोजन की बात आने पर क्या निरोध भी देना होगा। महिला विकास निगम की प्रबंधन निदेशक हरजोत कौर का एक वीडियो भी प्रसारित हो रहा है, जिसमें वे यह कहती सुनाई पड़ रही हैं।

आगे फ्री में देना पड़ेगा निरोध

वे छात्राओं को लैंगिक असमानता मिटाने के चल रहीं योजनाओं की जानकारी दे रही थीं। छात्राओं ने पूछा कि उन्हें सेनिटरी नैपकिन नहीं मिल रहा है। इस पर उन्होंने स्वावलंबन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि स्वयं को इतना सक्षम बनाओ कि किसी से मांगने की जरूरत ही नहीं पड़े। सोच बदलना होगा। उन्होंने कहा कि मांगों का कोई अंत नहीं है। हर चीज सरकार ही देगी क्या, कल जींस पैंट और परसों सुंदर जूते की मांग उठेगी। यह सब समझाते समझाते वे कुछ ऐसा बोल गईं कि छात्राओं ने शर्म से सिर झुका लिया। कौर ने कहा कि आज सरकार से 20-30 रुपये के सैनिटरी पैड की मांग है। परिवार नियोजन की बात आने पर क्या निरोध भी देना होगा।

टूटे शौचालय पर भी दिया अटपटा जवाब

सरकार से हर चीज लेने की आदत क्यों, खुद भी कुछ किया करो। इस पर एक छात्रा ने कहा कि सरकार को इसलिए पैसे देने चाहिए क्योंकि वह वोट मांगने आती है। इस पर वे बोलीं- मत दो वोट, चली जाओ पाकिस्तान। तुम पैसों की एवज में वोट देते हो, सुविधाओं की एवज में देती हो, बताओ! वहीं एक चैनल से बातचीत के क्रम में हरजोत कौर ने कहा कि जो बातें प्रसारित की जा रही हैं वे भ्रामक हैं।  महिला एवं बाल विकास निगम, यूनिसेफ आिदि की ओर से स्लम बस्तियों में रहने वाली 9वीं व 10वीं की छात्राओं को आमंत्रित किया गया था। पटना के कमला नेहरू नगर की एक छात्रा ने पूछा था कि सरकार निशुल्क सैनिटरी पैड नहीं दे सकती क्या? इसी क्रम में जब मिलर स्कूल की छात्रा ने कहा कि शौचालय टूटा होने से लड़के घुस आते हैं। इसलिए पानी कम पीते हैं, ताकि टायलेट नहीं जाना पड़े। इस पर कौर ने कहा कि तुम्हारे घर में अलग से शौचालय है? हर जगह अलग से बहुत कुछ मांगोगी तो कैसे चलेगा?

मंत्री बोले- अधिकारी के ये तरीका गलत है

समाज कल्याण विभाग के मंत्री मदन सहनी ने कहा कि बच्ची के सवालों का महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक हरजोत कौर ने जिस अंदाज में जवाब दिया वह गलत है। उन्हें बच्चों को बताना चाहिए कि था कि सरकार की कौन सी योजनाएं चल रही हैं। वे बच्चों को हतोत्साहित कर रही हैं। अधिकारियों का फर्ज है वे योजनाओं का प्रचार-प्रसार करें, न कि यदि कोई योजना के बारे में कुछ जानना चाहे तो उससे गलत तरीके से बात ने करें। वे वरिष्ठ अधिकारी हैं उनसे सम्मानजनक भाषा की उम्मीद हर कोई करेगा।

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