PATNA- ओमीक्रोन के तीन दिन बाद दिखने लगते हैं लक्षण, डॉक्टर ने कहा, घर पर ऐसे करें हल्के मामलों का इलाज : देशभर में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इनमे ओमीक्रोन स्वरूप के मामले भी बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं। एम्स के डॉक्टर का कहना है कि ओमीक्रोन से संक्रमित होने के तीन बाद लक्षण नजर आने लगते हैं। इसके मरीजों को घर पर ही लक्षणों के आधार पर ठीक किया जा सकता है। कुछ को ही अस्पताल ले जाने की जरूरत पड़ सकती है।
एम्स के मेडिसिन विभाग के एडिशनल प्रोफेसर डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि वर्तमान में ओमीक्रोन के मामले अधिक फैल रहे हैं। ओमीक्रोन रूप से संक्रमित होने के बाद अधिकतर लोगों को तीन दिन में लक्षण दिख सकते हैं, जबकि दूसरी लहर में सामने आए डेल्टा वेरियंट में संक्रमित होने के चार दिन बाद लक्षण मिलने लगते थे। अल्फा वेरियंट में पांच दिन बाद लक्षण दिखने लगते थे। यानी अन्य वेरियंट के मुकाबले ओमीक्रोन संक्रमित लोगों में जल्दी लक्षण आ सकते हैं।
डॉक्टर ने कहा, घर पर ऐसे करें हल्के मामलों का इलाज
● इलाज करने वाले डॉक्टर के लगातार संपर्क में रहें। स्वास्थ्य में किसी तरह की गिरावट आने पर तुरंत चिकित्सक को सूचित करें या फिर अस्पताल जाएं।● बंद नाक को खोलने में स्टीम लेना सहायक होगा।● नमक से गरारे करें। इससे गले की खराश में लाभ मिलेगा।● चिकित्सक से संपर्क के बाद दूसरी बीमारियों से जुड़ी दवाएं भी जारी रख सकते हैं।
अस्पताल कब जाएं
● सांस लेने में तकलीफ होने पर● सामान्य कमरे में ऑक्सीजन सेचुरेशन का स्तर 94 से कम हो● अगर छाती में लगातार दर्द और भारीपन महसूस हो रहा हो● सही से दिमाग काम न करे, तीन से चार दिन बाद भी लक्षण बढ़ें
यह भी जानें
कोरोना के इलाज में एंटीवायरल दवाएं जैसे मोलिनुपिरवीर के अलावा मोनोक्लोनल एंटीबॉडी के बारे में बहुत चर्चा है। डॉक्टर ने बताया कि ये दवाएं जादू की छड़ी नहीं हैं। ओमीक्रोन नया वेरियंट है और इसमें मोनोक्लोनल एंटीबॉडी काम करेंगी यह नहीं कह सकते।
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(एम्स से मिली जानकारी के अनुसार)
डॉक्टर नीरज निश्चल ने बताया कि ओमीक्रोन के अधिकतर मरीजों को घर पर ही लक्षण के आधार पर इलाज देकर ठीक किया जा सकता है।● वयस्क मरीजों को बुखार है तो वे पैरासिटामोल 650 एमजी ले सकते हैं।● अगर बुखार कई दिन तक रहता है तो अपने डॉक्टर की सलाह से नॉन स्टेरॉइड दवा नेप्रोक्सिन 250 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।● अगर सर्दी या जुकाम के लक्षण हैं तो सीट्राजिन 10 एमजी या लिवोसीट्राजिन 5 एमजी का इस्तेमाल कर सकते हैं।● खांसी होने पर कफ सीरप का इस्तेमाल कर सकते हैं।