शनिवार को अचानक से 50 प्रतिशत से अधिक उड़ाने देरी से उड़ीं, क्योंकि बड़ी तादाद में इंडिगो के कर्मचारी सामूहिक बीमारी अवकाश (Mass Sick Leave) पर चले गए थे. इस मामले का नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने संज्ञान लिया है. अधिकारियों के अनुसार, भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को देरी पर एक रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है.
900 से अधिक उड़ानों में हुई देरी
दिलचस्प बात यह है कि देरी उसी दिन हुई जब एयर इंडिया ने विभिन्न केंद्रों में समान भूमिकाओं के लिए भर्ती अभियान चलाया था. बिजनेस टुडे के सूत्रों ने ऐसा दावा किया है. यह बताया गया है कि स्टाफ के सदस्य अनुपस्थित थे क्योंकि वे जाहिर तौर पर एयर इंडिया में नौकरी के लिए अप्लाई करने गए थे.
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, दिन के अंत तक 900 से अधिक इंडिगो की उड़ानों में देरी हुई. नागरिक उड्डयन मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, शनिवार को इंडिगो का समय प्रदर्शन 45.2 प्रतिशत था. जिसके मायने है कि इंडिगो की आधी से भी कम उड़ाने अपने निर्धारित प्रस्थान समय के 15 मिनट के भीतर उड़ान भरी थीं.
कम लागत वाली उड़ाने (LCC) प्रतिदिन 1600 उड़ानें संचालित करती हैं. रविवार को एयरलाइन में फिर से उड़ानों का संचालन सामान्य हो गया.
DGCA की मासिक ट्रैफिक रिपोर्ट के मुताबिक, इंडिगो का एक महीने के लिए औसत समय पर प्रदर्शन 80 प्रतिशत से अधिक रहता है. जबकि इंडिगो की समय पालन करने का प्रतिशत शनिवार को गिर अचानक से गिर गया. अन्य एयरलाइन्स की तदाद उनके पहले बताए गए नंबर प्रतिशत के आसपास ही रहीं. उदहारण के तौर पर, स्पाइसजेट ने 80.4 प्रतिशत समय पर प्रदर्शन किया, जबकि गोफर्स्ट और एयर एशिया इंडिया ने क्रमशः 88 प्रतिशत और 92.3 प्रतिशत की सूचना दी. विस्तारा और एयर इंडिया ने क्रमशः 86.3 फीसदी और 77.1 फीसदी रिपोर्ट दी.
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कर्मचारियों और एयरलाइन के बीच चल रहा है विवाद
वहीं इस घटना को इंडिगो और उसके कर्मचारियों के बीच बढ़ती अनबन का भी एक संकेत बताया जा रहा है. इंडिगो ने 4 अप्रैल को कुछ पायलटों को निलंबित कर दिया था. जो कोविड-19 महामारी के दौरान लागू किए गए वेतन कटौती के विरोध में हड़ताल आयोजित करने का प्लान बना रहे थे.
महामारी के चरम के दौरान, इंडिगो ने अपने पायलटों के वेतन में 30 प्रतिशत तक की कटौती की थी. जिसको लेकर कर्मचारियों में असंतोष व्याप्त है.
इंडिगो के CEO रोनोजॉय दत्ता ने 8 अप्रैल को कर्मचारियों को एक ईमेल के जरिए बताया था कि वेतन बढ़ाना एक कठिन मुद्दा है, लेकिन एयरलाइन अपनी लाभप्रदता और प्रतिस्पर्धी माहौल को देखते हुए वेतन की लगातार समीक्षा कर रही है.