ADMINISTRATIONBankBIHARBreaking NewsMUZAFFARPURNationalPoliticsSTATE

इस तकनीक से मछली पालन करने पर होगी लाखों में कमाई, कई गुना बढ़ जाएगा मत्स्य उत्पादन, जानिए तरीका।

बिहार के किसानों के लिए मत्स्य पालन कम खर्च में अधिक मुनाफे वाला कारोबार साबित हो रहा है। यही कारण है कि यह हाल के सालों में बड़ी तादाद में है किसानों को मत्स्य पालन के क्षेत्र में किस्मत आजमाते हुए देखा गया है। सरकार किसानों को नई-नई तकनीकों के जरिए मछली पालन हेतु प्रोत्साहित भी कर रही है।

Sponsored

किसान मिश्रित मत्स्य पालन की तकनीकों को अपनाकर सामान्य की तुलना में 5 गुना अधिक मछलियां उत्पादित कर रहे हैं। इस तकनीक से एक तालाब में विभिन्न मछलियां पाली जाती हैं। पोखर में मछलियों के लिए पर्याप्त मात्रा में भोजन होना जरूरी है। सही क्वांटिटी में भोजन नहीं मिलने के हालात में मछलियों का जिंदा रहना मुश्किल होगा। पोखर में पानी के निकास का प्रबंध भी सही होना चाहिए। इससे वर्षा के पानी से मछलियों को छाती नहीं पहुंचता है।

Sponsored

किसानों को ध्यान देने की आवश्यकता है कि तलाब में बाहरी मछलियां प्रवेश न करें। साथ ही पोखर की मछलियां बाहर नहीं निकले। विदेशी कार्प, कतला, रोहू और मृगल मछलियों में कॉमन कार्प, सिल्वर कार्प और ग्रास कार्प जैसी मछलियों को एक साथ पालना किसानों के लिए बेहद फायदेमंद सिद्ध हो सकता है।

Sponsored

तालाब में पानी क्षारीय रखने से मछलियों की बढ़ोतरी और स्वास्थ्य हेतु बेहद लाभकारी साबित होता है। इस दौरान गौर करना हुआ कि जल का पीएच मान 7.5 से 8 के बीच रहना चाहिए। भोजन के रूप में इन मछलियों को चावल की भूसी एवं सरसों की खली भी दे सकते हैं। मछलियों के विकास हेतु भोजन के रूप में चूरा देना बेहद फायदेमंद है। किसान एक एकड़ में मत्स्य पालन कर साल के 5 से 8 लाख तक कमाई कर सकते हैं।

Sponsored

Comment here