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आसान भाषा में समझिए रेलवे परीक्षा को लेकर बिहार में क्यों हुआ जबरदस्त आंदोलन

यह एक छात्रों का आंदोलन है, रेलवे ntpc की बहाली की नोटिफिकेशन 2019 में आई थी, जिसमे लिखा हुआ था कि cbt 1 में सीट से 20 गुना रिजल्ट जारी करेंगे, एग्जाम 2 साल बाद 2021 में हुए जिसका रिजल्ट अभी कुछ दिन पहले 2022 में हुआ ,उसमें रिज़ल्ट सीट से 20 गुना के जगह में 6से 7 गुना रिज़ल्ट जारी किया गया है ,

Ntpc में बहुत सारे पोस्ट था तो रेलवे ने 1 ही स्टूडेंट्स को सारे पोस्ट पर काउंट कर के 20 गुणा बता रहा है , जबकि रीयल में 6 से 7 गुना ही स्टूडेंट्स है ,।

दूसरी रेलवे ग्रुप D की वेकैंसी 2019 में आई थी नोटिफिकेशन में एक एग्जाम cbt1 था लेकिन 3 सालो के बाद नोटिफिकेशन नया नोटिस 2 दिन पहले आया है कि 2 एग्जाम होगा उसके बाद फिजिकल होगा ,

जबकि सभी एग्जाम में रूल अचानक से चेंज नही होता है ,नोटिफिकेशन के अनुसार ही एग्जाम होता है,

ग्रुप d ऐसा जॉब में 2 एग्जाम उसके बाद फिजिकल टेस्ट
लगता है मानो ग्रुप d नही आईएएस का एग्जाम हो गया

ये पूरी तरीके से 2019 की बहाली को 2024 के चुनाव तक खीचने का प्लान हैसारे मुद्दों पर अभी तक छात्रों द्वारा 8 मिलियन ट्वीट हो चुका है लेकिन रेलवे भर्ती बोर्ड पर कोई असर नही पड़ा है ,

बात करे, समाधान करे, खत्म करे लेकिन नही जानबूझ के कुछ नही कर रहे कि इनको भड़काए ये एक साल कहाँ बैठेंगे और पैसा कहां से आएगा, पढ़ाई का क्या होगा.. इतना सब झमेला रेलवे के निजीकरण की वजह से भी हो रहा है.. अचानक से नोटिफिकेशन आता है कि अब एक एग्जाम और होगा
कैसे रखे बात सरकार के सामने ? सांप-छछूंदर वाला हाल है जो समझ आ रहा है

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